जागृत भारत को कर दूँ मुझमे पुरुषार्थ अपार भरो माँ
मन्त्र महार्णव मन्त्र महोदधि विस्मृत हैं यह ध्यान धरो माँ
छन्द जपे मम मानव तो तुम मन्त्र समान प्रभाव करो माँ
दिव्य अलौकिक बात कहूँ मम लेखन को इस भांति वरो माँ
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ
Comment
बहुत आभार अशोक जी अब सुधार हो गया है.....पुनः अवलोकन करें
आदरणीय डॉ. आशुतोष वाजपेयी जी सादर वरदायी माँ को नमन करता सुन्दर मत्तगयन्द छंद रचा है सादर बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. एक जगह टंकन त्रुटी रह गयी है.सादर
thanks you very much respected Arun Sharma ji & respected Laxman prasaad ji
वाह आदरणीय वाह बहुत ही सुन्दर सवैया हृदयस्पर्शी गहन भाव आपकी यह सुन्दर वंदना माँ शारदे पूर्ण करें. इस सुन्दर सवैया हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें.
प्रथम तो ओबीओ मंच पर आपका स्वागत है डॉ आशुतोष वाजपेयी जी | भारत को जागृत करने का भाव लिए
माँ से वंदना, बहुत सुन्दर है, हार्दिक बधाई स्वीकारे आदरणीय
बहुत बहुत आभार बृजेश जी और विजय जी
बहुत ही सुन्दर आहवाहन! आदरणीय बधाई आपको!
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