For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वाभिमान से रहे तना हुआ

काल अग्नि युक्त है तृतीय नेत्र और शम्भु
कन्ठ कालकूट युक्त आपका बना हुआ
और माल भी भुजंग ही बने हुए अनेक
दंग हूँ शिवत्व किन्तु आपका घना हुआ
बाँटते रहे प्रसाद आप भक्त के निमित्त
सोम वृष्टि से कृतार्थ मुक्त-वेदना हुआ
आशुतोष भक्ति ध्यान में रहूँ रमा सदैव
और भाल स्वाभिमान से रहे तना हुआ
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

Views: 522

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 27, 2013 at 10:10am

विजय जी, वन्दना जी, अशोक जी बहुत बहुत आभार 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 27, 2013 at 8:37am

आदरणीय डॉ. आशुतोष वाजपेयी जी सादर, बहुत सुन्दर गणात्मक घनाक्षरी किसी मन्त्र समान लगती है. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.रचना को जब स्वनाम मिले तब और इससे बड़ी उपलब्धि क्या होगी.इसकी अतिरिक्त बधाई स्वीकार करें.सादर.

Comment by Vindu Babu on May 25, 2013 at 7:59pm
आदरणीय शुभकामना करूंगी कि आपकी यह 'आशुतोष गणात्मक धनाक्षरी' साहित्य पथ पर चले ही नहीं दौड़े।
सादर बधाई आपको।
सादर
Comment by विजय मिश्र on May 23, 2013 at 11:57am
जय शिवशंकर गौरीशंकर पार्वती के पति उमापति महादेव की जय ,जय हो औढरदानी मंदारी की . भावातिरेकपूर्ण वन्दना और सुंदर स्तुति .
Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 23, 2013 at 8:25am

बहुत आभार लक्ष्मन प्रसाद जी 

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 23, 2013 at 8:24am

राजेश कुमार झा जी यह गणात्मक घनाक्षरी है जिसे काव्याचार्य अशोक पाण्डेय 'अशोक' जी ने मेरा मौलिक प्रयोग जान कर आशुतोष गणात्मक घनाक्षरी छन्द नाम दिया है शैल्पिक व्यवस्था इस प्रकार है ---रगण जगण की ५ आवृत्ति के बाद एक गुरु........स्नेह हेतु बहुत बहुत आभार 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 22, 2013 at 5:52pm

शिव भक्त अशुतौश जी भक्ति भाव में रमे सदैव 

भाल उनका तना रहे स्वाभिमान न डिगे कतैही 

Comment by राजेश 'मृदु' on May 22, 2013 at 3:08pm

आदरणीय, बहुत ही पुष्‍ट मनहरण घनाक्षरी (यदि मैं सही हूं) आपने प्रस्‍तुत किया है, सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service