For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रहार ये प्रचण्ड है

खण्ड खण्ड में विभक्त है मनुष्यता अपार
आसुरी प्रवृत्ति का प्रहार ये प्रचण्ड है
आ रहा समक्ष भी न देव शक्ति का प्रभाव
दुष्ट को प्रताड़ना विधान या न दण्ड है
सन्त हीन है समाज, शक्तिवान में प्रभूत --
आज देख लो सखे बढ़ा हुआ घमण्ड है
भारती अपंग हो गई सुनो परन्तु मित्र
घोष हो रहा कि राष्ट्र नित्य ही अखण्ड है
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

Views: 769

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 29, 2013 at 3:09pm

प्रभूत आभार अशोक जी 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 29, 2013 at 8:37am

सादर, प्रतिक्रया पता नहीं किस कारण आदरणीय राज कुमार जी की प्रतिक्रया में चली गयी है. देख लें.सादर.

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 29, 2013 at 8:35am

आदरणीय डॉ. आशुतोष वाजपेयी साहब सादर, देश के वर्तमान हालातों पर सरकार के झूठ पर खिन्नता प्रदर्शित करते सुंदर मनहरण छंद पर सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on May 27, 2013 at 10:08am

शालिनी जी, लक्ष्मण जी, सीमा जी, अनुज जी, विजय जी, राजकुमार जी, जवाहर जी, केवल प्रसाद जी आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद और आभार......

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 26, 2013 at 9:34am

आ0 आशुतोष भाई जी,   बहुत सुन्दर।...’भारती अपंग हो गई सुनो परन्तु मित्र, घोष हो रहा कि राष्ट्र नित्य ही अखण्ड है ’  शानदार तेवर वाह!   बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on May 25, 2013 at 9:06pm
एक प्रयास मेरा भी, आपकी कविता की श्रेष्ठता के लिए 

हरेक शब्द है प्रचंड मेघ की दहाड़ है 

कायरों की धरती में सिंह भी सियार है!
Comment by विजय मिश्र on May 24, 2013 at 1:25pm

मानवीय कुसंस्कारों ,अपचेष्टताओं का और राष्ट्रीय वेदनाओं का पीड़ादायी रेखांकन , त्राण दो भगवान .

Comment by Anuj kumar Pandey on May 24, 2013 at 11:50am

बहुत सुन्दर .....

Comment by seema agrawal on May 23, 2013 at 7:30pm

राष्ट्र के प्रति प्रेम भाव को प्रगट करने के लिए राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से सम्बंधित जो चिंता आपने जताई है वही आपके राष्ट्रप्रेमी प्रवृत्ति को उद्घाटित कर रही ...सुन्दरएवं प्रवाहमान कवित्त के माध्यम से प्रस्तुत आपके भावों के लिए आपको हार्दिक बधाई आशुतोष जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 23, 2013 at 5:21pm

सुंदर उदघोष रचना के जरिये बधाई, मेरे मन के उदगार आदरणीय डॉ आशुतोष जी -

घोष हो रहा कि राष्ट्र नित्य ही अखंड है 

मनुज कर रहा भारत माँ की खंड खंड है 

आंसुरी प्रवर्ती का प्रहार ये प्रचंड है 

तनाव में जी रहा मनुज उसीका दंड है | - लक्ष्मण लडीवाला

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
Friday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service