For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐ मेरी मुश्किलों सब मिलके मेरा सामना करो

ऐ  मेरी  मुश्किलों  सब मिलके   मेरा सामना करो

 

मै  अकेला ही  बहुत हूँ  तुमसे निबटने के लिए ,

ऐ मेरी मुश्किलों सब मिलके मेरा सामना करो ।

आज मै  भी तो देखूं तुम्हारा जोर जरा,

तुम भी देखो मै  डरूं  तुमसे या तुम मुझसे डरो ।

 

जिन्दगी से भी कहाँ हार मैंने मानी है ?

छीन लाया हूँ कई बार मौत से इसको ,

हे मुसीबतों तुम्हारा स्वागत है ,

है मुनासिब तुम्हे की आज से तुम मुझसे डरो ।

 

हर नए दुःख में मै  खुद में नया बल पाता हूँ ।

खुदा के और भी नज़दीक खुद को पाता हूँ ।

अब सताएगा भला कौन जानता हूँ जब मै ,

डरो किसी से नहीं या तो करो या तो मरो ।

 

मुझे ना चाहं है यश की ना भय है अपयश का ,

न धन न पद ही न सम्मान लुभा पायेगा। 

ईश का  आशीष है सर पर मेरे तो सर्वदा,

मै नहीं डरता हूँ चाहें जैसे मुझपे वार करो

Views: 438

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 31, 2013 at 11:00pm

मुझे ना चाहं है यश की ना भय है अपयश का ,

न धन न पद ही न सम्मान लुभा पायेगा। 

ईश का  आशीष है सर पर मेरे तो सर्वदा,

मै नहीं डरता हूँ चाहें जैसे मुझपे वार करो.........सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीय मुकेश कुमार सक्सेना जी.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 28, 2013 at 12:11pm

जिंदगी में मुश्किलों से न हारने का हौसला देती अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत बधाई आ० मुकेश सक्सेना जी 

Comment by Meena Pathak on May 27, 2013 at 4:27pm

ईश्वर का आशीर्वाद साथ हो तो फिर क्यूँ डरना मुश्किलों से .......... बेहद खूबसूरत रचना आदरणीय मुकेश जी .. बधाई स्वीकारें 

Comment by विजय मिश्र on May 27, 2013 at 11:54am

 ईश्वर में निष्ठा और परिस्थितिओं से दो-चार करने का माद्दा हो तो सचमुच इस संघर्षमय जीवन को डरने की क्या जरूरत ? 

"अब सताएगा भला कौन जानता हूँ जब मै ,

डरो किसी से नहीं या तो करो या तो मरो । "--- यह संकल्प प्रयाप्त है जीवन प्रसस्तता केलिए . प्रशंसनीय है मुकेशजी .

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 24, 2013 at 11:35pm
आदरणीय...मुकेश जी, बहुत ही अच्छे तरीके से आपने मुश्किलों से सामना करना करना सिखा दिया, "जिंदगी से भी कहाँ हार मानी है, छीन लाया हूँ कई बार मौत से इसको " ...शुभकामनाऐं

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
9 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार बहुत खेद है पहली बार ये गलती हुई मुझसे सादर एक कोशिश की है__ सादर चोट पहले…"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सुधार और बेहतरी की पुनः कोशिश करूंगी सादर"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार अच्छे मतले के साथ ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश जी नमस्कार बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
10 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय जयहिंद जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए  गुनीजनों की टिप्पणी…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। सुझाव के बाद अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल में गिरह का शेर रह गया। "
13 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई। "
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service