For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हर रूप में हर रंग में

हर रूप में हर रंग में,

कभी दूर से कभी संग में

अकेले कमरा-बंद में ,

कभी भीड़ के हडकंप में

 

तपते आँगन में नंगे पाँव से,

कभी पीपल की ठंडी छांव से

हकीक़त कि कम्पित नाव से,

कभी सपनों के रेशमी गांव से

 

नदिया कि बहती धार पे,

कभी क्षितिज के उस पार पे

पेड़ों कि हिलती डार पे,

कभी वीणा कि झंकृत तार पे

 

दूर चाँद के मुस्कुराने पर,

कभी दिन में आंसू बहाने पर

फूलों के खिलखिलाने पर,

कभी उम्मीदें टूट जाने पर

 

डबडबाई आँखें छिपाते हुये,

कभी खुलकर ठहाके लगाते हुये

सँभलते-लड़खड़ाते हुये,

कभी रागिनी गुनगुनाते हुये

 

जीवन के झिलमिल कोणों को,

इस राह के अगणित मोड़ों को

लम्हों के सारे जोड़ों को,

हमने पल-पल देखा है||

Views: 614

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Priyanka Tripathi on June 14, 2013 at 8:40am

 आदरणीय Jitendra Pastariya जी,

शुभकामनाओं हेतु बहुत-२ धन्यवाद |

साभार: प्रियंका  

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 9, 2013 at 7:55am
आदरणीया...प्रियंका जी, सुंदर पंक्तियों में पूर्ण तरीके से भावनाऐं प्रगट हो रही हैं."जीवन के झिलमिल कोणों को, इस राह के अगणित मोड़ों को लम्हों के सारे जोड़ों को, हमने पल पल देखा है ।।...बहुत खूबसूरती से आपने प्रस्तुत किया है, " शुभकामनाऐं स्वीकार कीजीऐ...
Comment by Priyanka Tripathi on June 9, 2013 at 2:46am

आदरणीय Ashok Kumar Raktale जी,

आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणीं और बधाई हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद I

साभार:प्रियंका 

   

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 2, 2013 at 11:53pm

आदरणीया प्रियंका जी बहुत सुन्दर रचना है मुझे एक बहुत बड़े से मुक्तक के समान लग रही है. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

Comment by Priyanka Tripathi on May 31, 2013 at 7:22am

आ० Shijju S. जी, बहुत-बहुत धन्यवाद |
साभार प्रणाम  

Comment by Priyanka Tripathi on May 31, 2013 at 7:20am

आ०. Dr.Prachi Singh आपके प्रोत्साहन, परामर्श एवं शुभकामनाओं हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद | 
आपकी परामर्श को धारणा में लाने का यथासंभव प्रयास करुँगी...
सादर प्रणाम  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 28, 2013 at 4:58pm

प्रियंका जी अपनी भावनाओं को आपने खुबसूरती से शब्दों में उकेरा है, इस कविता के लिये आपको बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 28, 2013 at 11:56am

प्रिय प्रियंका जी 

आपके लेखन की सहजता प्रभावित करती है..

लेकिन अभी अभिव्यक्ति को शिल्प के सुगढ़ आधार की ज़रूरत है.. प्रयास कीजिये, आपके लेखन की संभावनाएं असीम हैं 

शुभकामनाएँ 

Comment by Priyanka Tripathi on May 27, 2013 at 11:20am

सभी मित्रों को साभार धन्यवाद :-)

Comment by बृजेश नीरज on May 27, 2013 at 10:54am

बहुत ही सुन्दर! आपको बधाई इस सुन्दर रचना पर!
सतत अध्ययन और लेखन आवश्यक है कलम की साधना और साधने हेतु।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service