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जो गीत ह्रदय से निकला हो

जो गीत ह्रदय से निकला हो , कागज़ पे लिखो बेमानी है ।

वो गीत ह्रदय पर लिखना, ही जीवन की प्रेम कहानी है |

जब दिल में प्रेम उमड़ता है, आँखों से आंसू बहते हैं ,

मोती हैं समझने वालों को, नासमझो को तो पानी है ।

हर प्रेमी अपने प्रियतम को, हर हाल में पान चाह रहा ,

नासमझ भला ये क्या जाने, प्रेम तो तो एक कुर्बानी है ।

जब प्रेम दिलों में फूटे तो, वो सबके लिए बराबर हो ,

पर प्रेम में भेद भी होता है, इस बात पे ही है हैरानी है ।

जब गीत मोहब्बत ने गाये, ढाये हैं सितम ज़माने ने ,

फूलों की राहो में काँटे ,दुनिया की रीत पुरानी है ।

जिस प्रेम में उठती मांग रहे , उसे वासना ही समझो ,

गहरी समझ समर्पण की , प्रेम की यही निशानी है ।

नीरज 

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Comment

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Comment by coontee mukerji on May 28, 2013 at 1:45pm

नीरज जी , दिल की गहराई से लिखी गयी रचना  दिल को छू ही लेती है .......सादर / कुंती .

Comment by Abhinav Arun on May 27, 2013 at 8:42pm

श्री नीरज जी , प्रेम के भावो में पगी कविता के लिए हार्दिक बधाई !! 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on May 27, 2013 at 8:38pm

हर प्रेमी अपने प्रियतम को, हर हाल में पान चाह रहा ,

नासमझ भला ये क्या जाने, प्रेम तो तो एक कुर्बानी है ।

बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई !

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 27, 2013 at 7:56pm

आ0 नीरज भाई जी, सुन्दर गीत। ढेरों शुभकामनाओं सहित बधाई। सादर,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 27, 2013 at 6:41pm

प्रस्तुत अभिव्यक्ति में हृदय से निस्सृत भाव हृदय को ही स्पर्श कर रहे हैं..बहुत बहुत बधाई 

प्रवाह बहुत अच्छा है पर अंतिम बंद में गेयता और प्रवाह दोनों ही कथ्य को सम्हाल नहीं पा रहे..टंकण त्रुटियाँ भी कई जगह रह गयी हैं.

शुभेच्छाएँ 

Comment by Priyanka Tripathi on May 27, 2013 at 4:58pm

सुन्दर एवं यथार्त प्रस्तुतीकरण 

Comment by Meena Pathak on May 27, 2013 at 4:43pm

बहुत सुन्दर ..... हार्दिक बधाई 

Comment by Neeraj Nishchal on May 27, 2013 at 3:47pm

बहुत बहुत शुक्रिया श्याम नारायण जी 

Comment by Shyam Narain Verma on May 27, 2013 at 3:45pm
इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ.

कृपया ध्यान दे...

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