For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सड़क  पर पड़ी
खाली बोतल
लोग आते- जाते
ठोकर मार जाते हैं .....
और इस तरह
यहाँ से वहाँ भटकती  ....
न जाने कहाँ से कहाँ
पहुँच जाती है
ये खाली बोतल
जो कभी
पानी से भरी होती थी ......
मगर आज खाली है
कल तक जो अपने
जरूरतमंद के पास होती थी
आज वो सड़क पर
पड़ी है .....
लावारिशो की तरह ......
बिलकुल ऐसी ही तो ...........
हाँ बिलकुल ऐसी ही तो
होती है हम इंसानों की जिन्दगी भी
एक सफल होकर असफल हुए
इंसान की जिन्दगी ......
इंसान जब सफल होता है
तो अपने चाहने वालो, जरुरतमंदो,
अपनों .........
सबके लिए अजीज होता है ....
सभी हर समय उसे अपने
पास रखना चाहते हैं .....
लेकिन जैसे ही वही इंसान
असफलता के घेरे में आता है
भुला दिया जाता है ....
लोग दूर-दूर , बहुत दूर
होने लगते हैं ....
अपने भी पराये करने लगते हैं
और एक दिन उसे भी
छोड़ दिया जाता है
अकेले….
सडको पर भटकने के लिए
अंधेरो में खोने के लिए  
बिलकुल पानी की
बोतल की तरह .......
जब तक पानी से भरी होती है
साथ रखी जाती है ...
जब खाली हो जाती है
तो फेंक दी जाती है
किसी सड़क पर या कूड़े के
ढेर में या फिर अगर
किस्मत अच्छी है बोतल की तो
स्टोर रूम में रख दी जाती है ......
शायद कभी भूले- भटके
किसी काम आ जाये ...........!!!!

स्वयं रचित व अप्रकाशित रचना

सोनम सैनी

Views: 556

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 8, 2013 at 8:09pm

आदरणीया सोनम जी सादर, सुन्दर विषय पर सीधी सपाट बयानी. आप इतने दिनों से ओ बी ओ पर रचना कर रही हैं तब बिम्बों को सही उपयोग करने का आपको अवश्य ही प्रयास करना चाहिए. सादर.

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on June 1, 2013 at 9:49pm

एक खाली बोतल को बिम्ब बनाकर.........बहुत गहरा और गंभीर संदेश दिया......!!!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 1, 2013 at 8:54am

भावनाओं को व्यवस्थित शब्द देने का प्रयास हो तो आपके संप्रेषण में सटीकपन तो आयेगा ही, रचनाकर्म सोद्येश्य हो जायेगा. 

इसी रचना में देखिये तो दुहराव है जो एक भावभरे तथ्य को हल्का कर देता है.

शुभेच्छाएँ.. .

Comment by coontee mukerji on May 31, 2013 at 12:54pm

बहुत सुंदर और सरस. रचना , मगर अपने भीतर कितने दर्द  छिपाए हुए ........./सादर  / कुंती .

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 31, 2013 at 11:13am

सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई 

Comment by ram shiromani pathak on May 30, 2013 at 4:39pm

भाव बहुत अच्छे है इसलिए हार्दिक बधाई ///लेकिन इसे गद्य कहूँ या पद्य////

Comment by Shyam Narain Verma on May 30, 2013 at 3:46pm
इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ.
Comment by aman kumar on May 30, 2013 at 3:07pm

अच्छी रचना के लिए बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"दोहे******करता युद्ध विनाश है, सदा छीन सुख चैनजहाँ शांति नित प्रेम से, कटते हैं दिन-रैन।१।*तोपों…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"स्वागतम्"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
23 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
23 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service