For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बारिशो के 

मौसम में 
मन जब 
चाहे किसी के 
साथ दूर तक 
ठहल आने को 
मेरा ख्याल तो 
नहीं आता न 
तुम को 
किसी अंजान
शहर में 
घूमते हुए 
नजरें जब 
किसी अजनबी 
चेहरे में 
तलाशने लगे 
किसी खास 
शख्स को 
मेरा ख्याल तो 
नहीं आता न 
तुम को 
या फिर 
निपट अकेलेपन में 
चाह हो 
किसी कंधे की 
किसी स्पर्श की 
दिल खोल के रखने को 
जी चाहे जब 
मैं जानती हूँ 
फिर भी 
जाने क्यूँ 
होता है ये यकीं 
तुम्हारे ख्यालो में 
मैं भी कहीं तो 
महकती होंगी न.... 

मौलिक एंव अप्रकाशित 

Views: 772

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राजेश 'मृदु' on June 7, 2013 at 2:56pm

आपका लेखन काफी अच्‍छा है, लिखते रहें और खूब लिखें पर अपनी शैली को मत छोड़ें, ढेरों शुभकामनाएं

Comment by दिव्या on June 7, 2013 at 12:38pm

रौशनी जी 

हकीकत बड़ी कड़वी है इस लिए ख्वाबो का जहाँ सजाते हैं अपने ख्यालो से खूबसूरत बनाते हैं :) 
हमारे ख्यालो की खूबसूरती को पंसद करने के लिए आप का आभार 

Comment by Roshni Dhir on June 7, 2013 at 12:34pm

दिव्या जी 

बहुत खूबसूरत ख्याल ...

Comment by दिव्या on June 7, 2013 at 12:27pm

आदरणीय ब्रिजेश जी, 

आप को उम्र ओर अनुभव दोनों में बड़े हैं क्षमा मांग के शर्मिंदा मत कीजिये | जिन कमियों को आपने इंगित किया है आगे प्रयास करुँगी वो दूर हो सके .... 
आप का ह्रदय से आभार 

Comment by दिव्या on June 7, 2013 at 12:06pm

आदरणीया प्रज्ञाजी एंव श्याम वर्मा जी, सरहाना के लिए आप का ह्रदय से आभार 

Comment by दिव्या on June 7, 2013 at 12:00pm

आदरणीय विजय निकोर जी,
 आप की सरहाना के लिए ह्रदय से आभार 

Comment by दिव्या on June 7, 2013 at 11:52am

आदरणीय विजय मिश्र जी, 

आप का ह्रदय से आभार 

Comment by दिव्या on June 7, 2013 at 11:45am

आदरणीय रविकर जी, 

बहुत खूब दो पंक्तियों में ही सब समा गया "गागर में सागर" 
आप का ह्रदय से आभार 

Comment by दिव्या on June 7, 2013 at 11:42am

आदरणीय  सौरभ पांडये जी, 
प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया ओर शुभकामनाओ के लिए आप का ह्रदय से आभार 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 7, 2013 at 11:42am
आदरणीया..दिव्या जी, सादर आभार आपका 'आपकी पंक्तियां बहुत सुंदर है '..आदरणीया..शुभकामनाऐं स्वीकार करें...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
20 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
23 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र पर आपने सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं.…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service