Comment
रचना पर बहुत बहुत बधाई.....................
बड़ी खूबसूरती से तथ्य समझाया-
आभार आदरेया-
Jitendra Pastariya ji aapne laghukatha ko padha bahut bahut abhar ...lekin kisi mahila ki jindagi me doosaron ke dwara kiya koi bura kruty "SHARMNAK GHATNA " us mahila ke liye nahi hoti ye to sharmnak hai us bura kruty karne vale ke aur samj ke liye ..lekin haa vah ghatna aisa asar chhodati hai ki us stri ka sara jeevan hi badal jata hai ...
//क्योकि उसके जीवन में इक शर्मनाक घटना घटी थी//
क्या मालूम किसी ट्रक ने उस औरत के बच्चे के प्राण लिए हों! हम कैसे परिभाषित कर सकते है किसी की त्रासदी या दुःखदाई घटना को शर्मनाक घटना के रूम में, ताज्जुब है! कौन सी घटना हमारी दृष्टी में शर्मनाक है या सुहानुभूति योग्य ये कैसे तय करते है लोग, मेरी समझ के परे है..! उस पीड़ा खाई अबोध महिला को शर्मनाक घटना की शिकार कह के उसे हाशिये पे ला कर रख देना, क्या कहलाता है ???
सादर!
क्या कहा जाये, समरथ को नई दोष गुसाई!
आदरणीय कविता जी! आपने बहुत ही मर्मस्पर्शी घटना लघुकथा के माध्यम से साझा की है, जो सत्य प्रतीत हो रही है!
बधाई लीजिये, एक करुण और स्म्वेदित अभिव्यक्ति के लिए!
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