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पल : जो तुम संग बिताये..

आँखों में तुम बसे हो ऐसे ..

कोई अधुरा ख्वाब हो जैसे !

वो तुम्हारा कुछ पलों का साथ

और उन पलों में तुम्हारा असीमित प्यार

तमाम उम्र के लिए अपनी पलकों में

कैद कर के रख लिया ...

वो हसीन से लम्हे

शरीर से लम्हे .

जिन लम्हों को तुम संग जिया

सम्हाल के उनको रख लिया ...

न जाने क्या बात हुई

खफा हो गए मुझसे तुम

यूँ मुंह फेरे बैठे हो

'जैसे'

मैं 'हूँ' , कोई बीता हुआ पल

कोई गुजरा हुआ कल

क्यों कर अपनी सुधियों से मुझको

तुमने ऐसे बिसार दिया ...

की मेरे आज में भी तुम हो .. मेरे कल में भी तुम थे ...

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Comment

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Comment by Ajay Singh on January 5, 2011 at 9:28pm

verrrrry gooooooood,,,,

 

Comment by Anita Maurya on December 12, 2010 at 10:11pm
तेरे आने से तेरे जाने तक जिंदगी आबाद रही,
जिन्दा तो हूँ अब भी लेकिन तमन्नाएं बर्बाद रहीं ,
जिंदगी चली, चलती ही रही.. इस दिल में मगर,
हर पल हर दम, सिर्फ और सिर्फ तेरी याद रही.....
Comment by Rash Bihari Ravi on December 11, 2010 at 6:40pm

bahut badhia

Comment by Bhasker Agrawal on December 11, 2010 at 6:35pm

सुंदर रचना अनीता जी

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