For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ajay Singh
  • Male
  • Bharatpur, Rajasthan
  • India
Share on Facebook MySpace

Ajay Singh's Friends

  • Dharm Veer
  • rajveer singh
  • sunil gahlot
  • दिव्या
  • MAHIMA SHREE
  • priyanka agrawal
  • narottam meena
  • Akshay Thakur " परब्रह्म "
  • renu
  • आशीष यादव
  • Khushboo
  • asha pandey ojha
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"
  • Rash Bihari Ravi
 

Ajay Singh's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Bharatpur Rajasthan
Native Place
Brahmbad, Rajasthan
Profession
PhD Scholar
About me
After completing my Bachelors and Masters at IIT Delhi, currently I am a PhD scholar at Technical University of Munich, Germany. I like writing as my pastime hobby preferably in Hindi and occasionally in English.

Ajay Singh's Photos

  • Add Photos
  • View All

Ajay Singh's Blog

ऐ गम ! जा के ढूंढ़ ले कोई दूसरा घर

ऐ गम ! जा  के  ढूंढ़ ले  कोई  दूसरा घर  , 

दिल में आज से मेरे , बसेरा उनका होगा ..
              इस घर का मालिक अब तू नही है ,वो हैं 
              खाली अभी तुझे  , घर ये करना होगा ..
दीवानगी ने उनकी पागल किया है हमको 
पागलपन का कर्ज तुझको ही भरना होगा ...
             घर ही तेरा अब ,  बेघर तुझे कर रहा है 
             खातिर इस घर की बेघर तुझे रहना होगा…
Continue

Posted on June 24, 2012 at 10:01am — 7 Comments

गर वो हमारे होते

जिन्दगी हमारी भी बनती एक सवाल

गर सवाल का जबाब 'वो 'हमारे होते

उन यादों में ही गुजर लेते उमर सारी

गर दो पल भी 'वो ' साथ हमारे होते ..



न भिगोते अश्क पलकों को भी ,गर

ये नयन न उनके मतवारे होते

जान लेते हकीकत प्यार की हम भी

जो प्यार का आइना 'वो ' हमारे होते ..



राहों में हमारे होते उजाले अनेक

जो 'उनके अँधेरे ' न हमारे होते

भूल के उनको सो लेते चैन से

सपने जो वश में हमारे होते ..



गुनगुना लेते ताउम्र उनको हम

जो…

Continue

Posted on June 17, 2012 at 9:30am — 2 Comments

- - - -जब मुझे प्यार हो जायेगा - - - - -

आँखें भर आयेंगी, ये दिल भी रो जायेगा 

बदनामों में नाम हमारा भी हो जायेगा 
नींद भी जाएगी ,चैन भी खो जायेगा 
मुझे जब  किसी से  प्यार हो जायेगा 
             चाँद में कभी दाग मुझको नज़र आयेगा 
             पर ' वो ' हमेशा ही  बेदाग नजर आयेगा
             कभी रोशनी से उसकी चमकेगा जहां मेरा 
              रोशनी से उसकी कभी चाँद  भी लाज़ायेगा
चेहरा उसका खिलता गुलाब…
Continue

Posted on June 7, 2012 at 12:09pm — 6 Comments

ये सिर्फ अपनों के लिये ही बहते हैं

कदम उनसे दूर जाने लगे 

मन में उथल -पुथल 
सी होने लगी 
वो साथ थे तब तक 
सब अच्छा था
अब ये आँखें भी 
बोलने लगीं 
इनकी नमी ह्रदय -व्यथा 
व्यक्त करने लगी 
और शायद आंसुओं की
उपस्तिथि बयां कर 
रही थी .
और हाँ कल जब वो आये 
तब भी ये नमीं थी ,
आंसूं बहे थे 
पर कल तो दिल में ख़ुशी 
का ठिकाना न था .
मैं भला…
Continue

Posted on June 1, 2012 at 9:36am — 7 Comments

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:26pm on July 17, 2011, Admin said…

(पूर्व प्रकाशित रचना अनुमोदन संभव नहीं, अधिक जानकारी हेतु OBO नियम देखे )

 


At 7:31pm on March 3, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 7:19pm on October 23, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 6:54pm on October 23, 2010, Admin said…

At 3:13pm on October 23, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
12 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service