कदम उनसे दूर जाने लगे
Comment
अजय जी ,बहुत ही बढ़िया रचना ,सच में यह अपने लिए ही बहते है ,लेकिन महान लोगो की आँखों में यह दूसरों के लिए भी बहते है ,पर ऐसे लोग बहुत कम है ,अच्छी रचना पर बधाई स्वीकार करें |
बाकई ये सिर्फ अपनों के लिए ही बहते हैं
बहुत सुन्दर रचना आपको बधाई स्वीकारें श्रीमान
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. काश ये दूसरों के लिए भी बहें. बधाई
अब ये आँखें भी
बोलने लगीं
व्यक्त करने लगी .... और हाँ कल जब वो आये the तब भी ये नमीं थी.........
BAHUT HI ACHHI KAVITA AJAY SINGH JI..BADHAAI......
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