आनंद जीवन है , शब्द मात्र नहीं
संसार के बियाबान सुनसान अधेरी राहों में,
रोशनी की तरह इसकी तलाश है
हम तुम यह जग जबसे है आनंद आस -पास है
ये उजड़ी गलियों में भी था ,थकी हुई सडको में भी है , तुम्हारे पगडण्डी में भी है i
बस इसे पाने का विश्वाश खो गया है ,हमारा अपनापन इससे कितनी दूर हो गया है i
कही हम इसे बदनाम बस्तियों में ढूढ़ते है
कही हम अपने से बड़ी हस्तियों में ढूढ़ते है
अल्पकालीन किन्तु सर्वव्याप्त है
जितना मिला क्या पर्याप्त है
इसकी सभी तितलियाँ पंख बिहीन है
ऊचाई जितनी हो पार करना है
इसलिए उड़ने में तल्लीन है
आओ कठिन को सरल करे
खोजने के सवाल को हल करे
साधारण है पर सत्य बना दे
तुम्हे आनंद का आकार बता दे
ये माँ बाप के लाचार आँखों में रहता है
रोज अपने बेटे से कहता है
तुम्ही को मैंने "आनंद "मानकर जीवन लुटाया है
पर क्या कहूँ कैसे कहूँ इस पड़ाव में आकर तुम्हे नहीं पाया है
सच में "आनंद "अभी अधूरा है
तुम पालो तुम्हारा जीवन अभी पूरा है
मै रोज वृद्धाश्रम में तुम्हारे लिए दुआ करता हूँ
जब से तुम गए हो हरपल एक बार मरता हूँ
"आनंद "तुम्हे देख कर मिल जाता था
मन बच्चा है तेरे बच्चो में मिल जाता था
तुमने ज़िन्दगी में मुझे ऐसा क्यों मजबूर किया
"आनंद "के लिए मुझे "आनंद "से क्यों दूर किया
मौलिक /अप्रकाशित
दिलीप कुमार तिवारी
दिलीप कुमार तिवारी
Comment
बहुत ही मार्मिक पंक्तियाँ । आदरणीय ।
धन्यवाद आपने पसंद किया आदरणीय अरुण कुमार जी i
आनंद को परिभाषित करने का सुंदर प्रयास, सुंदर रचना......
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online