For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सरस्वती आराधना /दिलीप तिवारी

वीणाधारी  विद्यावाली , मातु शारदे तुम्हे नमन i 
शव्द अर्थ के पुष्पों का ,व्याकरण बना तुमको अर्पण i i 
संज्ञाए सेवाये करती ,सर्वनाम तेरे अनुचर i
क्रिया विशेषण की तारों से ,निकले वीणा के स्वर i i
नवरस के घुगरू प्यारे अलंकार  की है झांझर i
काव्य गद्य श्रगारित तुमसे ,गीतवना  महिमा गाकर i i
अनुपम छटा सवाँरे  ,भाषाए है चरणो पर i
आलोडित मन मंदिर मेरा नेह सुधा तेरी पाकर i i
मुझको तेरा वरदान मिले ,चरणों में तेरे स्थान मिले i 
शीख रहा माँ कविता  करना ,अंतर मन से कुछ ज्ञान मिले  i i
मन मानस की सुन्दरता हो माँ हो तुम प्यारी ममता हो  i
बेटे तेरे कवी बने उनकी आराधित तुम  कविता हो  i i
गाथाएँ  तेरी प्रेरित है भाव व्यंजना भरी हुई i
कविता जीवित कृपा तुम्हारी , पड़ी हुई थी मरी हुई  i i
माँ सुन्दर ज्ञान विधानबना ,सच्चा हिंदुस्तान बना  i
हिंदी भाषा का सम्मान जगा भाषाओ की शान बना  i i
प्रजातंत्र  की राहों का जन, गण, मंगल ,गान  बना  i
फिर कवीर दोहे हो ,सूरदास की तान बना  i i
तुलसी की चौपाई से रामचरित का ज्ञान बना  i
प्रगति पंथ की रहो में  जीवन गीता का सारबना i  i
फिर जन जन में सच्चाई हो ,हर मजहव भाई -भाई हो i
जाति -पांति की तोड़ दीवारे हे माँ सुन्दर संसार बना  i i

मौलिक /अप्रकाशित
दिलीप तिवारी






Views: 546

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by दिलीप कुमार तिवारी on July 16, 2013 at 10:14pm

माँ सरस्वती के सभी बरदपुत्रों को सादर प्रणाम रचना को  सराहने के लिए धन्यवाद टाइप के माध्यम का सही उपयोग न कर पाने के कारन वर्तनी संबधी त्रुटियों के लिए माफ़ी चाहता हूँ i


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 16, 2013 at 8:56pm

माँ  की चरणों में अर्पित यह रचना अच्छी हुई है, वर्तनी सम्बंधित त्रुटियों को एक बार अवश्य देख लें, इस अभिव्यक्ति पर बहुत बहुत बधाई प्रेषित करता हूँ ।  

Comment by वेदिका on July 16, 2013 at 1:12pm

माँ सरस्वती की कृपा को बहुत ही अच्छे से अपने विस्तार दिया। सच ही तो एक एक स्वर, आखर, गूंज, उनकी ही देन है। आपकी पवित्र रचना को नमन आदरणीय दिलीप जी!!  

Comment by Shyam Narain Verma on July 16, 2013 at 9:47am
बहुत ही सुन्दर रचना , हार्दिक बधाई......................................."
Comment by Ashok Kumar Raktale on July 15, 2013 at 9:32pm

आदरणीय दिलीप तिवारी जी सादर सुन्दर रचना, माँ शारदा को नमन. बहुत अच्छी आराधना,बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.  इसमें मुझे  दो  रचनाओं का मेल जैसे लगा. इतनी सुन्दर रचना में टंकन त्रुटियों ने बहुत निराश किया. कृपया इस पर अवश्य ध्यान दें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service