For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! जमीं-फलक में हैं तारें, निकल के देखते हैं !!!

!!! जमीं-फलक में हैं तारें, निकल के देखते हैं !!!
1212    1122     1212     112

लहर-लहर में कशिश है, मचल के देखते हैं।
हवा हवाई सफर से, बहल के देखते है।।

नदी कहे कि सितारें भरी हैं रेत हसीं।
लहर चमक के किनारे उछल के देखते हैं।।

हवा दिशा से कहे कामना सकल शुभ हो।
मगर तुफान कहे तो संभल के देखते हैं।।

ये अग्नि-वारि गगन में, धरा भुलाए नफरत।
प्रलय से कष्ट मिले हैं, संभल के देखते हैं।।

गगन से बरसे है पत्थर, मनुज दबे बहकर।
धरा ओढ़ाए है चादर, सजल के देखते हैं।।

दुआ करें न बने लड़कियां तवायफ वो,
हजार बार सुनीता गजल के देखते हैं।।

ये कल्पना है उड़ाती गगन में गम को।
गगन से पार सभी निकल के देखते हैं।।

ये मांग पर मेरे सिन्दूर किसने डाला यूं।
अमर सुहाग बनी दृग सजल के देखते हैं।।

सुनो कहो कि जमाना मचल न जाय कही।
अभी कुछ और करिश्में गजल के देखते हैं।।

दुआ दवा है कि ‘सत्यम‘ बसर यहां जैसे।
जमीं-फलक में हैं तारें, निकल के देखते हैं।।

कभी-कभी मेरे दिल में सवाल उठता है,
दवा-हकीम नही वो खरल के देखते हैं।।

के0पी0सत्यम/मौलिक व अप्रकाशित

Views: 707

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on July 27, 2013 at 12:57am

बहुत खूब

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 22, 2013 at 6:40pm

आ0 परमार भाई जी,  गजल के विषय में सीख रहा हूं।   पहले मैंने ’’दुआ करें न बने लड़कियां तवायफ सी’’.......ही लिखा था। किन्तु न जाने क्यूं बात अखर गई।  हमें दुआ करनी चाहिए कि लड़कियों की जिंदगी नर्क और नर्क से बद्तर न बने....तवायफ की जिंदगी नर्क या नर्क से बद्तर ही होती है.......’वो’.....वो कौन है? अथवा वे कौन हैं?  जो तवायफ बनने/बनाने जैसी स्थिति उत्पन्न करते हैं।  सादर,

Comment by Ketan Parmar on July 22, 2013 at 1:57pm

दुआ करें न बने लड़कियां तवायफ वो,
हजार बार सुनीता गजल के देखते हैं।।

Iskaa matlab bhi samjhaye

Comment by Ketan Parmar on July 22, 2013 at 1:56pm

Bhot acchaa or sarthak prayas

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 20, 2013 at 7:33pm

आ0 विजय सर जी, आपने सही कहा है। काफिया की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए।  मैं ध्यान नहीं दे पाया। आपके स्नेह और सुझाव के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by विजय मिश्र on July 20, 2013 at 10:41am
"अभी कुछ और करिश्में गजल के देखते हैं।। " -यहाँ आपने बेशक दिखाया है ,अन्दाज बेफिकर और अशआर इतर . गजब की गजलकारी है . बधाई हो केवलजी .'सजल' की पुनरावृति थोड़ी चुभी ,वह भी आपकी वजह से .
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 19, 2013 at 8:30pm

आ0 केतन भाई जी,  आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार। सादर,

Comment by Ketan Parmar on July 19, 2013 at 11:56am

वाह! केवल प्रसाद जी

सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 19, 2013 at 10:13am

आ0 बृजेश भाई जी,  आपका सस्नेह हार्दिक स्वागत है।  आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 19, 2013 at 10:11am

आ0 कुन्ती मैम जी,  आपका अपार स्नेह व सराहना पाकर मेरा प्रयास सार्थक हो गया।  आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
13 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
13 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
14 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service