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शिव महिमा [दोहे]

गँगा जल की कुण्डलियां, भर लाए शिव भक्त
कावड़ ले मनमोहिनी ,सब को करें आसक्त||


शिव नगर हरिद्वार की, महिमा अपरमपार
कावड़ मेले हैं लगे , सजे हुए बाजार||


नारे बोल बम बम के ,गूँज रहे चहुँ ओर
मस्त मलंग घूम रहे, मिल सब करते शोर||


आए पूरे देश से , बम बम करते आज
त्रिलोचन महादेव का , तिलक कर रहे आज||


लाखों भक्त शंकर का, करते हैं अभिषेक
शिवरात्री है आ गई, माथा तू भी टेक||


बम बम करते आ गए ,शिव के सेवादार
हरिद्वार से जल लिया, चढ़ाएं सपरिवार||

शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ 

....................

मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 11, 2013 at 4:56pm

आदरणीया सरिता जी, आपके प्रयास पर शुभकामनाएँ. 

भाई अरुन अनन्त जी के कहे पर आप अवश्य ध्यान दें. छांदसिक रचनाओं की मात्रिकता हल्के में नहीं ली जानी चाहिये.  अन्यथा छांदसिक रचनाओं का हेतु ही समाप्त होता है. 

सादर

 

Comment by विजय मिश्र on August 6, 2013 at 11:27am
हर हर महादेव विलासी , हें बम शंकर कैलाशी ,तू है घट-घट का बासी ,प्रभु हम भी तेरे अभिलाषी ,कल्याण करो हें अविनाशी .

पार्वती के पति उमापति देवाधिदेव महादेव की जय |
Comment by Sarita Bhatia on August 6, 2013 at 10:07am

शुक्रिया अरुण उत्साहवर्धन के लिए 

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 6, 2013 at 9:43am

बम बम भोले हर हर महादेव आदरणीय सरिता जी छंदों पर आपका प्रयास मुग्ध कर रहा है धीरे धीरे आप सही दिशा की ओर जा रही हैं, प्रयास जारी रखें मंजिल दूर नहीं, प्रयास बेहद ही अच्छा है कहीं कहीं कसावट की कमी प्रतीत होती है. बहरहाल बधाई प्रेषित कर रहा हूँ स्वीकार करें.

Comment by Pankaj Trivedi on August 5, 2013 at 10:01pm

बहौत सुन्दर

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