मधुशाला खुलती गयी, विद्यालय के पास,
आजादी जब से मिली, ऐसा हुआ विकास |
ऐसा हुआ विकास, मिले शराब के ठेके
आय करे सरकार, नेता रोटियाँ सेकें
शिक्षा पर हो ध्यान, उन्नत हो पाठशाला
शिक्षालय के पास, हो न कोई मधुशाला |
(२)
रंगत बदले मनुज अब, गिरगिट भी शर्माय
गिरगिट पुनर्जन्म धरे, नेता बनकर आय |
नेता बनकर आय, क्षमता और बढ़ जावे
पेटू बनकर खाय, खाकर डकार न लावे
ईश्वर करे सहाय, पाये न इनकी संगत,
सूझे न कछु उपाय,बदलते झट से रंगत |
.
(मौलिक व् अप्रकाशित)
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला
Comment
जय हो...
मधुशाला खुलती गयी, विद्यालय के पास,
आजादी जब से मिली, ऐसा हुआ विकास |
विकास के नाम पर की गई व्यवस्था पर करारा कुंडलिया छंद
शुभकामनायें !!
आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत बढ़िया कुण्डलिया के लिए बधाई ।
"रंगत बदले मनुज अब, गिरगिट भी शर्माय
गिरगिट पुनर्जन्म धरे, नेता बनकर आय |
नेता बनकर आय, क्षमता और बढ़ जावे
पेटू बनकर खाय, खाकर डकार न लावे "............सीधे सीधे नेताओं पर, सटीक निशाना ,
आदरणीय लक्ष्मण जी, सुंदर छंद रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकारें
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