For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"क्या यह बात सच है कि कल तुम्हारी बेटी से बलात्कार किया गया ?"
"हाँ साहब, कल शाम खेतों से लौटते हुए मेरी बेटी की इज्ज़त लूटी गई !"
"क्या तुम जानते हो कि दोषी कौन है !?"
"मैं ही नही साहब, सारा गाँव जानता है उस पापी को जिसने मेरी बेटी को बर्बाद किया है !"
"मगर इतनी बड़ी बात होने के बावजूद भी तुमने थाने जाकर रिपोर्ट क्यों नहीं लिखवाई ?"
"क्योंकि मैं अपनी बेटी का सामूहिक बलात्कार नही चाहता था ! "

Views: 952

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on December 24, 2010 at 6:29pm
यथार्थ चित्रण !!! साहस पूर्ण कथ्याभिव्यक्ति !!!! सच है हमारी व्यस्था किधर जा रही है !!! हे राम !!!
Comment by Rajesh Kumar Singh on December 22, 2010 at 9:38pm
मेरे सब्द कोष में ऐसे कोई सब्द ही नहीं हैं जिस के द्वारा मै इस रचना के
बारे में कहूं क्योंकि बिना कहे ही बहूत कुछ कहा  है  योगराज जी ने , अति
सुंदर रचना.मान्यवर  बधाई स्वीकार करें .
Comment by alka tiwari on December 22, 2010 at 6:54pm
yah sachcha hai aur pidadayak bhi par sirf aah bhar lene matra se kaam nahin chalega,,,Supreme court ne 1995 me is ghatana ke vyathit paksh/stri ko aarthik rahat uplabdh karane ke disha-nirdeh diyethe jo 2 lacs thi par ab mahila ayog ne ise 3 lakh karane ki sifaris karate hue aur bhi stri hitkari baton ki sifaris ki hai.. sirf aah nahi kuch JAGRITI lane ki bhI darkaar hai..
Comment by Lata R.Ojha on December 22, 2010 at 1:32pm
एक घिनौने सच को लघुकथा के रूप में प्रस्तुत किया है आपने. ये वो कटु सत्य है जिसका विषपान इस पीड़ा को ढोती लड़कियाँ करती हैं अक्सर या चुप हो जाती हैं सदा के लिए.. अति मार्मिक 
Comment by रंजना सिंह on December 22, 2010 at 1:17pm

saty hai....

isi karan aksar hi log himmat nahi kar paate kanoon tak jaane ki...

jhakjhorti hui atiprabhaavshaalee laghukatha... 

Comment by Ashutosh Kumar Singh on December 22, 2010 at 1:05pm
बेहतर
Comment by Anita Maurya on December 22, 2010 at 12:23pm
सच है ये.. शारीरिक रूप से तो एक बार पीड़ित होती है वो, लेकिन बात खुलने पर सामाजिक रूप से बार बार बेईज्ज़त होती है... बलात्कार की शिकार लड़कियों की दुखती रग पर हाथ रखा है आपने ..... बहुत ही बढ़िया रचना ....
Comment by Neelam Upadhyaya on December 22, 2010 at 11:32am
जी योगराज जी । हमारे समाज का यही घिनौना सच है । इस सच को उकेरने के लिए बहुत बधाई ।
Comment by Arvind Chaturvedi on December 22, 2010 at 10:19am
vah bhaisahab bahut khub aapne bahut sunder ghang se baat keh di hai .very nice
Comment by Bhasker Agrawal on December 22, 2010 at 8:34am
आज का सामाजिक सत्य बयां करती लघुकथा..बहुत खूब

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service