For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जैसे को तैसा

आज करवाचौथ के दिन मैं अपनी बीवी से बोला – “प्रिये...

तुम मेरी किडनी के समान हो,

किंतु शादी के बाद के इन 5 वर्षों में

तुम्हारी हालत बिल्कुल

हमारी सरकार जैसी हो गई है,

यानि कि बेकार जैसी हो गई है,

अब सोचता हूँ कि

किसी नई युवा किडनी से

अपने शरीर की साँठ-गाँठ करा लूँ..”

तो बीवी तपाक से बोली –

“आप भी तो मेरे लीवर जैसे हो,

मैं भी सोचती हूँ

लीवर ट्राँसप्लांट करा लूँ।”

-------------------- सुशील जोशी

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 780

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on November 5, 2013 at 8:23am

हा..हा..हा.... आ0 शिज्जू भाई जी..... बहुत बहुत धन्यवाद आपका...... वैसे आपको बता दूँ कि exceptions हर जगह होते हैं... हा..हा..हा......

Comment by Sushil.Joshi on October 29, 2013 at 8:28pm

आपका अतिश: धन्यवाद आदरणीया डॉ. प्राची जी......


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 29, 2013 at 8:28pm

ये भी खूब रही सुशील जी बधाई आपको इस हास्यपूर्ण रचना के लिये
वैसे किडनी दो होती हैं दूसरी कहाँ है :-))


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 29, 2013 at 8:11pm

हाहाहा हाहाहा अच्छा कम्पीटीशन है 

हार्दिक बधाई 

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:38am

अतिश: धन्यवाद आपका आदरणीय अखिलेश जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:37am

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेन्द्र भाई जी...

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:35am

बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय बृजेश जी.....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:35am

आदरणीय गिरिराज जी...... अनुमोदन के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:34am

आदरणीया मीना जी.... बहुत बहुत धन्यवाद आपका....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:34am

हार्दिक आभार आपका आदरणीया अन्नपूर्णा जी....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service