जैसे को तैसा
आज करवाचौथ के दिन मैं अपनी बीवी से बोला – “प्रिये...
तुम मेरी किडनी के समान हो,
किंतु शादी के बाद के इन 5 वर्षों में
तुम्हारी हालत बिल्कुल
हमारी सरकार जैसी हो गई है,
यानि कि बेकार जैसी हो गई है,
अब सोचता हूँ कि
किसी नई युवा किडनी से
अपने शरीर की साँठ-गाँठ करा लूँ..”
तो बीवी तपाक से बोली –
“आप भी तो मेरे लीवर जैसे हो,
मैं भी सोचती हूँ
लीवर ट्राँसप्लांट करा लूँ।”
-------------------- सुशील जोशी
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
हा..हा..हा.... आदरणीय अरुन भाई.....बिल्कुल सही कहा.... हा..हा..हा..... बहुत बहुत धन्यवाद....
बहुत बहुत आभार आदरणीय कुंती मुखर्जी....
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय डॉ. आशुतोष जी...
शेर को सवा शेरनी मिली। बधाई सुशील भाई।
बहुत मजेदार व्यंग, हार्दिक बधाई आदरणीय शुशील जी
अच्छा जवाब है! :)))))))))))
वाह भई वाह , आदरणीय सुशील भाई क्या अदला बदली है , मज़ा आ गया !!!! हास्य रचना के लिये आपको बधाई !!!!!
बहुत खूब, जैसे को तैसा :) बधाई
बहुत खूब !!! सुंदर हास्य रचना बधाई आपको ।
हाहाहा अच्छा व्यंग है भाई जी पर केवल व्यंग ही रहे तो अच्छा है
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