For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अक्सर मै सोचा करता हूँ

अक्सर मै सोचा करता हूँ,  ख़यालों में डूबकर|

तू आती तो मेरी जिंदगी यूँ रंगीन होती,

कलम चलती, कोई कोरा कागज़ रंग जाता|

मगर ये विधान, मेरे जीवन में तेरा खुबसूरत दखल,

खुबसूरत वक़्त, जो तूने बिताये मेरे साथकुछ पल|

आज भी सोचता है ये दिल, तसव्वुर में डूब कर|

अक्सर मै सोचा करता हूँ....................................

 

सुधि नहीं रहती है अब, मै तुझ से कहाँ आजाद हूँ|

कुछ लोग तरस खातें हैं मुझपे, कहतें हैं मै बरबाद हूँ|

मैं जो डूबा हुआ हूँ तुझ में, बिना चिंता फिक्र के,

तुम हो तो जहाँ अपना लगता है, लगता है मै आबाद हूँ|

अक्सर मै सोचा करता हूँ.......................................

 

 

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on January 25, 2011 at 8:44pm
S D sir, ajay bhaiya & sharda ji hausla aafjai k liye bahut bahut dhanywad.
Comment by Ajay Singh on January 22, 2011 at 8:37pm
very good ashish ji........
Comment by आशीष यादव on January 21, 2011 at 3:51pm
Dr.Brijesh Kumar Tripathi सर, लता जी अरुण सर, bahut bahut धन्यवाद|
Comment by Abhinav Arun on January 21, 2011 at 12:36pm
दिल के खूबसूरत ख़याल और उनकी बेहतरीन अभिव्यक्ति , बधाई आशीष जी !
Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on January 21, 2011 at 9:26am
Indeed lovely...so nice expession...keep it on
Comment by Lata R.Ojha on January 20, 2011 at 3:39pm
bahut sundar abhivyakti  :)
Comment by आशीष यादव on January 20, 2011 at 2:55pm
virender sir, raju bhaiya, bagi ji, aur Deepak sir; hausala aafjai ke liye bahut bahut dhanywaad.
Comment by Deepak Sharma Kuluvi on January 20, 2011 at 2:45pm
sundar

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 13, 2011 at 8:32pm

अक्सर मै सोचा करता हूँ,  ख़यालों में डूबकर...........

बहुत बढ़िया सोच रहे है आशीष भाई, ऐसे ही सोचिये......अच्छी कविता लिखी है आपने बधाई स्वीकार करे |

Comment by Raju on January 13, 2011 at 8:20pm
bahut hi sundar kavita likhi hai Aashish bhai apne...... bahut bahut badhai...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++ कुंभ उनको जाना है, पुन्य जिनको पाना है, लाखों पहुँचे प्रयाग,…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक , पोस्ट कुछ देर बाद  स्वतः  डिलीट क्यों हो रहा है |"
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . जीत - हार

दोहा सप्तक. . . जीत -हार माना जीवन को नहीं, अच्छी लगती हार । संग जीत के हार से, जीवन का शृंगार…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में आपका हार्दिक स्वागत है "
yesterday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Feb 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Feb 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Feb 17

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service