For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हारी मुझे जुस्तजू न होती...

 बेहतर था

कुछ कमी न होती,

आँखों में

यूँ नमी न होती...

तुम न आते गर

‘’जान ‘’यूँ

अधूरी न होती...

बंद ही रहता

अँधेरा कमरा,

रौशनी की

फिर गुंजाइश न होती...

न देखते सपने

न पंखों की

उडान होती...

फूंका न होता

दिल अपना,

तुम्हारी हाथ सेकने की

जो फरमाइश न होती...

तुम्हारा ख्याल ही जो

झटक दिया होता,

मेरे प्यार की

फिर पैमाइश न होती...

प्यार न होता

ये हाल न होता,

यूँ मेरे खिलाफ़

फिर दुनिया न होती...

बेहतर होता

यूँ कमी न होती,

तुम्हारी मुझे

जुस्तजू न होती...

 

(मौलिक एव अप्रकाशित)

- प्रियंका

Views: 727

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by atul kushwah on December 16, 2013 at 10:42pm

बेहतर अभिव्यक्ति है प्रियंका जी।

तुम न आते गर

‘’जान ‘’यूँ

अधूरी न होती......यहां पर कुछ समझ नहीं पाया। 

Comment by Priyanka singh on November 2, 2013 at 10:27pm

आदरणीय सौरभ  जी ... .मार्गदर्शन के लिए आपका धन्यवाद सर ....


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 2, 2013 at 3:55am

आप इस मंच पर हैं. और अब एक अरसे से हैं.  इस मंच का आप सार्थक लाभ लें.

शुभेच्छाएँ

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 10:06pm

शुक्रिया ....आदरणीय अरविन्द जी ....

Comment by ARVIND BHATNAGAR on October 27, 2013 at 9:24pm
सुदर रचना के लिये बधाई. .......
Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:56pm

बहुत बहुत शुक्रिया...राम जी ...

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:51pm

सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार, आदरणीय विशाल जी ....सराहते रहे यूँही ...

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:50pm

सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार....आदरणीय शिज्जू शकूर सर ....

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:50pm

चना की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार....आदरणीय विजय सर ...

अपना आशीर्वाद और स्नेह बनाये रखे ...आभार सर ......

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 7:46pm

बहुत बहुत शुक्रिया सुशील जोशी सर .....दिली शुक्रिया ....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
6 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service