For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता - साहित्य दीप ! शब्दों की ज्योति !!

साहित्य दीप ! शब्दों की ज्योति !!

 

साहित्य दीप

शब्दों की ज्योति

अनुभव अनुभूति की ऊर्जा हो

विस्फोट नहीं दूषण भी नहीं

संस्कृति पर सार्थक चर्चा हो

 

विज्ञान सृजन की बाती हो

सभ्यता की जिसमे थाती हो

सब मौलिक हो नूतन भी हो

परहित कर मानव हर्षा हो

 

इस दीप पर्व पर मिल गायें

पद छंद शबद और कवितायेँ

तमसो माँ ज्योतिर्मय मन्त्र

शुभ लाभ की अविरल वर्षा हो

 

रोशनी महल से नुक्कड़ तक

समता राजा से फक्कड़ तक

माँ अन्नपूर्णा धन - धान भरें

कोई भूखा न प्यासा हो

 

भोले की अविनाशी काशी

मस्तों की मलंगो की काशी

काशी मुंशी भारतेंदु की

कबीरा की नानक की काशी

 

काशी तो स्वयं प्रकाशित है

काशी त्यौहार मनाये जब

यह देव लोक हो , ऐसा हो

वह विश्व गुरु के जैसा हो !

             - अभिनव अरुण

 { 31102013 - सर्वथा मौलिक एवं अप्रकाशित }

 

Views: 1034

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on November 11, 2013 at 4:46am

हार्दिक आभार रचना के अनुमोदन - प्रोत्साहन के लिए आ. सुशील जी !

Comment by Sushil.Joshi on November 9, 2013 at 5:35am

सुंदर भावों का संप्रेषण है आ0 अभिनव जी.... बधाई स्वीकारें....

Comment by Abhinav Arun on November 4, 2013 at 1:49pm

रचना के सकारात्मक अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार आ, राजेश जी , और हार्दिक बधाई दीपावली की !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 4, 2013 at 11:15am

इससे अच्छा पावन पर्व क्या होगा बहुत सुन्दर उच्च भाव से सम्रद्ध प्रस्तुति  हेतु दिल से बधाई. 

Comment by Abhinav Arun on November 4, 2013 at 4:56am

शुभ दीपावली आदरणीय श्री अरुण जी , हार्दिक शुभकामनायें प्रकाश पर्व पर !!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on November 3, 2013 at 2:57pm

काशी तो पूरनमासी है..............

सुंदरतम .................

शुभ दीपावली...........

Comment by Abhinav Arun on November 3, 2013 at 4:30am

आ. अन्नपूर्णा जी , आभार व् प्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें !!

Comment by annapurna bajpai on November 2, 2013 at 11:36pm

  सुंदर भावों से सजी दीपावली कविता बधाई आपको । आ0 अभिनव अरुण जी । 

Comment by Abhinav Arun on November 2, 2013 at 2:21pm

श्री विजय जी रचना के अनुमोदन के लिए आभार आपका , और दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें !

Comment by Abhinav Arun on November 2, 2013 at 2:19pm

आदरणीय श्री गिरिराज जी अभिव्यक्ति को सराहने के लिए हार्दिक धन्यवाद !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल अंत आतंक का हुआ तो नहींखून बहना अभी रुका तो नहीं आग फैली गली गली लेकिन सिर फिरा कोई भी नपा तो…"
48 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार नीलेश भाई, एक शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत बधाई। कुछ शेर बहुत हसीन और दमदार हुए…"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार जयहिंद रायपुरी जी, ग़ज़ल पर अच्छा प्रयास हुआ है। //ज़ेह्न कुछ और कहता और ही दिलकोई अंदर मेरे…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ज़िन्दगी जी के कुछ मिला तो नहीं मौत आगे का रास्ता तो नहीं. . मेरे अन्दर ही वो बसा तो नहीं मैंने…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी आयोजन का उद्घाटन करने बधाई.ग़ज़ल बस हो भर पाई है. मिसरे अधपके से हैं…"
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"देखकर ज़ुल्म कुछ हुआ तो नहीं हूँ मैं ज़िंदा भी मर गया तो नहीं ढूंढ लेता है रंज ओ ग़म के सबब दिल मेरा…"
14 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"सादर अभिवादन"
14 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"स्वागतम"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service