1. .....कुछ दीप जलते रह गए …
शायद हमारे प्यार के ....कुछ शब्द अधूरे रह गए
कुछ सकुचाये इकरार से ...कुछ नज़र से बह गए
मासूम लौ निर्बल हुई कम्बखत पवन के जोर से
कहने कहानी प्यार की ..कुछ दीप जलते रह गए
...............................................................................
2. ..........जिस्म तेरी यादों का ....
कफ़स बन के रह गया है .....ये जिस्म तेरी यादों का
सह रहा है अज़ाब कितना .अब ये दिल टूटे वादों का
अब तलब होती नहीं .पलकों को किसी भी ख्वाब की
बन गया है इक फसाना .अब प्यार हिज्र की रातों का
कफस =पिंजरा , अज़ाब=दुःख,तकलीफ , हिज्र =वियोग
.............................................. ...............................
3......बिन रूह के ……
पारसा है कौन यहाँ पर ...और गुनहगार कौन है
कौन है रहबर यहाँ पर और .......रहज़न कौन है
ख़ाक है संगीन हकीकत इंसान मुसाफिर है यहाँ
देखिये बिन रूह के .....जिस्म इंसान का मौन है
पारसा=पवित्र , रहबर=राह दिखाने वाला , रहज़न=लुटेरा या लूटने वाला
''मौलिक एवं अप्रकाशित ''
Comment
aa.Gitika 'Vedika' jee muktako par aapkee snehil prtikriya ka haardik aabhaar
गेयता को छोडकर शेष रचना बहुत अच्छी है! हार्दिक बधाई!!
Annapuma Bajpai jee rachna par aapke sneh ka haardik aabhaar
Sandeep Kumar Patel jee rachna pat aapkee aatmeey prashansa ka hardik aabhaar...Brijesh jee ke uttar men aapko bhee apna uttar mil gya hota....aapka haaardik aabhaar
aa.Brijesh Neeraj jee rachna par aapkee snehil pratikriya ka haardik aabhaar....'......' ka pryog maatr laaeen aur muktak aik seema men dikhain isliye kiya gya hai n ki kaoee fashion ke roop men...aapka haardik aabhaar
सुंदर भाव आ0 सुशील जी ।
वाह वाह वाह आदरणीय अच्छे भाव पिरोये हैं आपने बधाई स्वीकार करें
आदरणीय बृजेश जी का प्रश्न ............इसका प्रयोग क्यूँ .............मुझे अच्छा लगा
बहुत सुन्दर! आपको हार्दिक बधाई!
रचना में जो '........' प्रयोग किया गया है, उसका क्या मतलब! कोई नया फैशन है!
Sh.Ram Shiromani Pathak jee muktak par aapke sneh ka haardik aabhaar
aa.Akhilesh krishan Shrivastav jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar
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