For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक बार हमें भी लगा कि हमें शायर बनना चाहिये हमने शुरुआत की, हमने शुअरा को पान खाते देखा तो हमें लगा यह भी शायर बनने के लिये ज़रूरी है सो हमने शुरुआत यहीं से की l

आनन फानन कुछ अशआर लिख मारे और छपवाने के लिये मशहूर अखबार के दफ़्तर गये जहाँ हमें हमारी शख़्सियत को देखते हुये संपादक से मिलने का सौभाग्य मिला l

संपादक महोदय ने ऊपर से नीचे तक हमें देखा और हमारे हाथ से लेकर हमारी रचनाये पढ़ने के बाद संपादक महोदय ने कुछ कहने की भी जहमत नही उठाई, वो अपने मनहूस लैपटॉप पर कोई फिल्म देख रहे थे उन्होने कुछ किया और लैपटॉप का स्क्रीन हमारी तरफ कर दिया और इशारे से सुनने को कहा l

पुलिस बने अभिनेता अवतार गिल कह रहे थे- “आप शराफत से बाहर जायेंगे या धक्के देकर बाहर निकालूँ”

और हमारे शायर बनने का सपना टूट गया l

-मौलिक व अप्रकाशित

Views: 824

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 10, 2013 at 6:17pm

हा हा हा हा.....   इस तरह के लेखन को कभी अख़बारी स्तम्भों में बतकूचन या बैठे-ठाले आदि के तहत छपने का सौभाग्य मिलता था.

अब ओबेओ सही..  :-))))))

मज़ेदार है !!

शुभेच्छाएँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 6, 2013 at 9:13pm

आदरणीय विजय सर आपका आभार

Comment by vijay nikore on December 6, 2013 at 9:09am

पढ़ कर आनन्द आया। बधाई।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 5, 2013 at 9:06pm

आदरणीय शुभ्रांशुजी फिल्मी बेइज़्ज़ती हुई है, सपना अंदर टूटा और पान बाहर गिरा।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 5, 2013 at 9:04pm

भाई जीतेन्द्र जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया, बस दिमाग में आया और लिख मारा,

Comment by Shubhranshu Pandey on December 5, 2013 at 12:05pm

वाह वाह बेइज्जती वो भी अवतार गिल से....पान का गुल्गुला कहाँ उगला चैंबर के अन्दर या बाहर निकलते ही...

सादर..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 5, 2013 at 10:23am

आदरणीय शिज्जू जी ,मजा आ गया...:)), बहुत बढ़िया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 5, 2013 at 9:16am

भाई रामशिरोमणि जी, आदरणीया कुन्तीजी, आदरणीय निलेशजी, आदरणीया वंदनाजी हौसलाअफ़्ज़ाई के लिये और रचना को मान देने के लिये आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया

Comment by Vindu Babu on December 5, 2013 at 8:27am

क्या बात है आदरणीय शिज्जू जी!

हा हा...अंदाज अच्छा लगा।

सादर

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 5, 2013 at 7:40am

बहुत बे आबरू हो कर .... हा हा हा 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service