For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(२१२२ १२१२ २२)

एक बीमार की दवा जैसे
तुम मेरे पास हो ख़ुदा जैसे |

साँस-दर-साँस ज़िन्दगी का सफ़र
और तुम आखिरी हवा जैसे |

उनकी आँखों में बस मेरा चेहरा
आइनों से हो सामना जैसे |

रूह ! बेकार है बदन तुझ बिन
इक लिफ़ाफ़ा है बिन पता जैसे |

आपकी मुस्कुराहटों की कसम
हो गया जन्म दूसरा जैसे |

- आशीष नैथानी 'सलिल'
(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 794

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 11, 2013 at 10:36pm

भला लगा कि आप इसशेर पर फिर से काम करेंगे.

वस्तुतः जो कुछ उला बयान कर गया, उसके कहे को सानी का मिसरा संतुष्ट /सपोर्ट नहीं कर रहा है. पता तो लिफ़ाफ़े पर लिखा जाता है. जबकि रूह बदन में रहती है. लिफ़ाफ़े का ख़त सही प्रतीक होता. ऐसा मुझे लगा.

शायद मैं क्लीयर कर पाया.

शुभ-शुभ

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on December 11, 2013 at 9:25pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सौरभ जी |
लिफाफे वाले शेर में कुछ बदलाव करके पेश करूँगा |  :))


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 10, 2013 at 6:12pm

शिल्प और कहन पर बहुत सुन्दर अभ्यास हुआ है भाई सलिजी. बहुत-बहुत बधाई .. .

लिफ़ाफ़ा और उसके पते वाला शेर वो कुछ नहीं कह पाया जो आप चाह रहे थे. यों बात समझ में आ गयी.. :-))))

मनभर दाद लीजिये

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on December 5, 2013 at 8:24pm

बहुत-बहुत शुक्रिया भाई राजेश जी  !

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on December 5, 2013 at 8:23pm

तहेदिल से शुक्रिया भाई राम शिरोमणि जी, नीलेश जी, डॉ. आशुतोष जी,  सारथी साहब !

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 5, 2013 at 6:02pm

शानदार ग़ज़ल के लिए बधाई 

Comment by राजेश 'मृदु' on December 5, 2013 at 5:10pm

एक बीमार की दवा जैसे
तुम मेरे पास हो ख़ुदा जैसे |

बहुत अच्‍छी लगी ये प्रस्‍तुति, सादर

Comment by Saarthi Baidyanath on December 5, 2013 at 1:19pm

रूह ! बेकार है बदन तुझ बिन
इक लिफ़ाफ़ा है बिन पता जैसे....इस शेर के लिए मुबारकबाद ....बढ़िया ग़ज़ल कही है !

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 5, 2013 at 9:44am

आशीष जी इस सुंदर ग़ज़ल पर आपको हार्दिक बधाई ..सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 5, 2013 at 7:31am

बहुत सुंदर ग़ज़ल कही है आप ने .. बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
9 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service