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श्याम जैसी वो साँवरी होगी : अरुन शर्मा 'अनन्त'

बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
2122  1212  22


खूबसूरत हँसी परी होगी,
सोचता हूँ जो जिंदगी होगी,

सादगी कूटकर भरी होगी,
श्याम जैसी वो साँवरी होगी,

 

ख्वाहिशें क्यूँ भला अधूरी हैं,
मांगने में कहीं कमी होगी,

ख़त्म कर लें विवाद आपस का,
मैं गलत हूँ कि तू सही होगी,

 

मौत ने खा लिया बता देना,

जिस्म में जान जब नही होगी,

शांत चुपचाप दोस्त रहने दो,
सत्य बोलूँगा खलबली होगी....

 

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

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Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on December 16, 2013 at 4:52pm

सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें भाई अरुण अनंत जी....


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 14, 2013 at 2:39am

ख़त्म कर लें विवाद आपस का,

मैं गलत हूँ कि तू सही होगी,
 
शांत चुपचाप दोस्त रहने दो,

सत्य बोलूँगा खलबली होगी....

क्या बात है ! क्या बात है !!..  अरुन भाई, इन दो शेर को अलग से भी पढ़ना भला लग रहा है. बधाई..

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 12:39pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय विजय निकोर सर

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 12:39pm

तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय अभिनव अरुण भ्राताश्री आपका स्नेह मिला ग़ज़ल सार्थक हुई.

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 12:39pm

हार्दिक आभार आदरणीय गोपाल सर

Comment by vijay nikore on December 8, 2013 at 1:51pm

इस खूबसूरत गज़ल के लिए बधाई।

Comment by Abhinav Arun on December 8, 2013 at 5:38am

क्या कहने आ. अरुण अनंत जी ..बड़ी सादगी से खूबसूरती से अपनी बात कहती इस ग़ज़ल के ढेरों मुबारकबाद !!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 7, 2013 at 10:35pm

अनंत जी

बहुत अच्छी ग़ज़ल  कही  छोटे बह्र पर i

आपको बधाई  i

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:51pm

हार्दिक आभार आदरणीय निलेश जी ग़ज़ल आपको पसंद मुझे ख़ुशी हुई जी जरुर हँसी को हसीं कर लेता हूँ सलाह हेतु आभार आपका.

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 4:50pm

हार्दिक आभार आदरणीय भ्रमर जी

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