For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हारे बाहुपाश के लिए …

तुम्हारे बाहुपाश के लिए …….


कितने
वज्र हृदय हो तुम
इक बार भी तुमने
मुड़कर नहीं देखा
तुम्हारी एक कंकरी ने
शांत झील में
वेदना की
कितनी लहरें बना दी
और तुम इसे एक खेल समझ
होठों पर
हल्की सी मुस्कान के साथ
मेरे हाथों को
अपने हाथों से
थपथपाते हुए
फिर आने का आश्वासन देकर
मुझे
किसी गहरी खाई सा
तनहा छोड़कर
कोहरे में
स्वप्न से खो गए
और मैं
तुम्हें जाते हुए
यूँ निहारती रही
मानो
रूह जिस्म से
दगा कर गयी
किसी आशंका के चलते
मैं
पतझड़ में
वृक्ष से गिरे टूटे पीले पत्ते
की मानिंद
हवाओं के रहमो करम पर
टुकड़े टुकड़े बिखरने को रह गयी
उस झील को इक बार तो
मुड़कर देखते
उसके सीने पर
बेरहम वार से आहात
दर्द कितनी देर तक
लहरों में तैरता रहा
और उसमे
झिलमल करता
तुम्हारा शशांक
लहरों के साथ
दर्दीली छवि लिए
तुम्हारे
बाहुपाश के लिए मचलता रहा, मचलता रहा …………….


सुशील सरना

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 597

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 11, 2013 at 12:03pm

आदरणीय डा प्राची सिंह  जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसात्मक प्रतिक्रिया हेतु तहे दिल से शुक्रिया  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 10, 2013 at 7:08pm

सुन्दर अभिव्यक्ति ..

हार्दिक बधाई 

Comment by Sushil Sarna on December 9, 2013 at 4:54pm

aadrneey Meena Pathak jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 9, 2013 at 4:54pm

aadrneey Rahul Dev jee rachna par aapkee snehil pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by Meena Pathak on December 9, 2013 at 2:40pm

बहुत सुन्दर 
बधाई !

Comment by Sushil Sarna on December 9, 2013 at 1:17pm

aadrneey Coontee Mukerji rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 9, 2013 at 1:16pm

aadrneey Arun Sharma Anant jee rachna par aapke sneh ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 9, 2013 at 1:16pm

aadrneey Dr.Gopal Narain Shrivastav jee rachna par aapkee snehaash ka hardik aabhaar

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 12:57pm

बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीय आपको बधाई

Comment by coontee mukerji on December 8, 2013 at 4:10pm

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
4 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service