1-मरणोपरांत
भूख से मरा था
शायद! इसीलिए
मरणोपरांत अखबार में
फ़ोटो छपी है
२-लाभ
आपके हीरे कि अँगूठी से अच्छा तो मेरा
मिट्टी का दीपक है
कम से कम
रात में प्रकाश तो फैलाता है
३-सौदा
आज उसके बच्चे भूखे नहीं सोये
वो कह रहा था
कुछ फर्क नहीं पड़ता
थोड़ा रक्त बेचने पर
४-तृप्ति
भूख शांत हो गयी
जली रोटी थी तो क्या? हुआ
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राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित
Comment
३-सौदा
आज उसके बच्चे भूखे नहीं सोये
वो कह रहा था
कुछ फर्क नहीं पड़ता
थोड़ा रक्त बेचने पर
वाह आदरणीय राम शिरोमणि जी बहुत संवेदनापूर्ण अभिव्यक्ति
बहुत बहुत आभार भाई सिज्जू जी। ........ सादर
उत्साह वर्धन व् अनुमोदन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय गणेश जी। ........ सादर
उत्साह वर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया कुन्ती जी। ........ सादर
बहुत बहुत आभार आदरणीया सविता जी। ........ सादर
बहुत बहुत आभार आदरणीय तपन जी। ........ सादर
बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी। ........ सादर
बहुत बहुत आभार आदरणीय गोपाल जी। ........ सादर
बहुत आभार आदरणीय आशुतोष जी। ........ सादर
अच्छी क्षणिकायें हैं भाई रामशिरोमणि जी बधाई आपको
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