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भाई बृजेशजी, आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया का मेरे लिए विशेष अर्थ है. सहयोग बना रहे. शुभेच्छाएँ.
आदरणीय विजय भाईसाहब, आप जैसे संवेदनशील रचनाकार द्वारा मेरे निवेदन में कुछ सार्थकता दिखी, यही मेरा भी सौभाग्य है.
सादर धन्यवाद आदरणीय.
सादर धन्यवाद अन्नपूर्णाजी, आपकी उदार प्रतिक्रिया का मैं आभारी हूँ.
सादर
हार्दिक धन्यवाद, भाई अभिनव अरुणजी..
सहयोग बनाये रखें.
शुभ-शुभ
आदरणीय गिरिराजजी,
आपने क्या कह दिया ? भाई, हम सभी समवेत ही सीख रहे हैं.
नवगीत की यह विधा पचास के दशक से हिन्दी साहित्य का अन्योन्याश्रय भाग है. लेकिन कई कारण हैं कि इस विधा को उचित सम्मान हाल तक नहीं मिला था. इसके कई कारणों में से साहित्य के आँगन में चल रही मठाधीशी और एक विशेष विचारधारा भी कम जिम्मेवार नहीं है. वह विचारधारा छंदों और मात्रिक रचनाओं को साहित्य में चूक गयी विधा होने का ऐलान करती रहती है. लेकिन आज गीतो, ग़ज़लों, मात्रिक या वर्णिक छंदों की बहुतायत और पुनर्प्रसिद्धि ने छन्दों और गीतों को साहित्य में फिर से दृढ़ कर दिया है. और तो और, छंदमुक्त रचनाओं में भी अंतर्गेयता ऐसे विचारधारकों को सटीक उत्तर है.
सादर
भाई आशीष सलिल जी, आपको रचना पसंद आयी यह मेरे लिए भी प्रसन्नता की बात है.
नववर्ष आपके लिए भी तमाम खुशियाँ लेकर आये, भाई.
शुभ-शुभ
अच्छा कहना
बुरी तुम्हें क्या बात लगी थी
अपने हिस्से
बोलो फिर क्यों ओस जमी थी ?
आँखों को तुम
और मुखर कर नम कर देना
इसी बहाने होंठ हिलें तो
सब कह जाना..
नये साल की धूप तनिक
तुम लेते आना.. ......आपको नये साल की शुभकामनाएँ.सादर
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वाह! इसको जितनी बार पढ़ता हूँ, मन नहीं भरता! ये आपकी कलम का ही जादू है! आपको बहुत बहुत बधाई इस अप्रतिम रचना के लिए!
सादर!
/अच्छा कहना
बुरी तुम्हें क्या बात लगी थी
अपने हिस्से
बोलो फिर क्यों ओस जमी थी ?
आँखों को तुम
और मुखर कर नम कर देना
इसी बहाने होंठ हिलें तो
सब कह जाना..
नये साल की धूप तनिक
तुम लेते आना.. ./
संवेदन पूर्ण भावों की रसधारा से आप्लावित आपका अति सुन्दर नवगीत मन को छू गया l ढेरों
बधाई एवं सराहना के साथ।
अच्छा कहना
बुरी तुम्हें क्या बात लगी थी
अपने हिस्से
बोलो फिर क्यों ओस जमी थी ?
आँखों को तुम
और मुखर कर नम कर देना
इसी बहाने होंठ हिलें तो
सब कह जाना.. .................................. वाह , आदरणीय सौरभ जी बहुत खूब , प्रत्येक पंक्ति मे जादू सा है । हर पंक्ति को मैंने कई कई बार पढ़ा । ये पंक्तियाँ खास कर बहुत अच्छी लगीं । सुंदर नवगीत , बहुत बहुत बधाई आपको ।
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