अंजान जिन्दगी से
उड़ती पतंगो की तरह
सोलह बसंत पार
चली साजन के घर
सजाये सपने प्यार के
चाहत के अरमान के
मगर तबाह हुई
जिन्दगी मेरी
उनके झूठ से
राम कृष्ण के वंशज
जमाना कर्जदार
बेटा परिवार का दिवाना
परदेश कमाता
परिवार का रखवाला
शर्मीला,शांत, सुशील
बड़े अरमान से पाला
सर्वगुण सम्पन्न है
क्या क्या सुनी कहानी
सपनो को मिली हवा
हकीकत हकीकत थी
ना छुट पायी मेहंदी
ना आँखो का काजल
हकीकत सामने थी
जिंन्दगी बेरंग
टूट चुके थे सपने
बेटा शराब का दिवाना
जुए में सब गवाता
कर्जदार जमाने का
बेशर्म, आवारा, अपराधी
रात में चोरी हमसे सीना जोरी
सर्व अवगुण सम्पन्न
रोती मैं
किस्मत को कोसती
वो कहते सोचा
तुझसे सुधर जायेगा
बोझ बड़ेगा लौट आयेगा
अब मैं कहाँ जाऊँ
जिसने पैदा किया
वही हारा
मैं तो गैर हूँ
देव नहीं पत्थर हूँ
आखिर क्यो चढ़ाया
किस हक से
इस अबला को
र्स्वाथ की वेदी पर
जलाया वंश की आग में
कसूर था मेरा
किसी कोई हक नहीं अखंड
हमारे आँसू पोछने का
सब दोषी है
पूरा समाज दोषी है
आज हमारी इस दुर्दशा का
हमारी दुर्दशा का
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी की रचना
Comment
सब दोषी है
पूरा समाज दोषी है
आज हमारी इस दुर्दशा का
हमारी दुर्दशा का...........यही सच है सभी दोषी है ......अच्छी रचना के लिए बधाई ....
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें। आपके दिखाये मार्ग पर चलने का पूरा प्रयास करूगा
भाई अखंड गहमरी जी, आपका उत्साह और इस मंच पर उपस्थिति दोनों ही वंदनीय हैं. अपने बढ़िया लिखा है, बस केवल एक बात अवश्य समझें कि कविता सपाट बयानी से बहुत ऊपर उठ कर हुआ करती है. निरंतर प्रयासरत रहें, साथियों की रचनाएं और मंच पर होती चर्चायों पर ध्यान रखें, उससे आपकी रचनायों के स्तर में निश्चित ही गुणात्मक सुधार होगा ।
आदरणीय गिरिराज भंडारी उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
आदरणीय Amod Kumar Srivastava उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
आदरणीया annapurna bajpai je उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
आदरणीया coontee mukerjiजी उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
आदरणीय गीत जी उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
गंभीर विषय , हकीक्त दर्शाती रचना ,बधाई आपको आ0 गहमारी जी ।
आदरणीय अख्ंड भाई , बहुत सुन्दर रचना की है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥
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