For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दर्द (तीन मुक्‍तक)

(1)

 

दर्द ए दिल से पहचान यारो मेरी बहुत पुरानी है

आँखो के अश्‍को की यारो देखो अलग कहानी है

थे पास जब वो मेरे जीवन की अलग रवानी थी

नहीं आयेगी जीवन में बीती शाम जो सुहानी है

 

(2)

मेरे भी दर्द ए दिल को काश कोई  जान लेता
आँखो में छुपे अश्‍को को भी काश जान लेता
कितना दर्द यारो हमें बिछुडने का अपनो से
मेरे दर्द भरे शब्‍दे से ही काश कोई जान लेता

 

(3)

किसने किसको दर्द दिया  ना जान पाया मैं

कैसे टूटे स्‍वपन सुहाने ये  ना जान पाया मैं

किसकी नजर लगी जो रूठ गये है वो हमसे

लौटेगा दिन सुहाना ये भी ना जान पाया मैं

 

 

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी

Views: 1237

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 24, 2016 at 3:27pm

वाह आदरणीय दर्द पर बहुत सुंदर मुक्तकों की प्रस्तुति दी है आपने।  हार्दिक बधाई सर। 

Comment by Akhand Gahmari on December 24, 2016 at 2:56pm

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 10:43pm

आदरणीय सौरभ पांडे जी आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का फल है आपके मार्गदर्शन एवं विचारो को अपना कर हम जरूर आपके मानको पर खरा उतरेगें।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 27, 2013 at 10:38pm

आपकी इस कोशिश से मन प्रसन्न है भाईजी. बहुत ही सार्थक प्रयास है यह. सतत प्रयत्नशील रहें

शुभ-शुभ

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 1:58pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें आपके मार्गदर्शन में आप के मानको पर खरा उत सकू इसके लिये सदैव प्रत्‍यनशील

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 1:56pm

आदरणीय गीत जी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 27, 2013 at 1:51pm

गहमरी जी

आपको निखरता देखकर ह्र्दय आनंदित है i  निरंतर और बेहतर ---- और -----

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 27, 2013 at 10:16am

सुंदर भाव आदरणीय अखंड जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 10:09am

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

Comment by Akhand Gahmari on December 27, 2013 at 10:08am

आदरणीया कल्पना रामानी जी उत्‍साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्‍वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
10 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
12 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
20 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service