(1)
दर्द ए दिल से पहचान यारो मेरी बहुत पुरानी है
आँखो के अश्को की यारो देखो अलग कहानी है
थे पास जब वो मेरे जीवन की अलग रवानी थी
नहीं आयेगी जीवन में बीती शाम जो सुहानी है
(2)
मेरे भी दर्द ए दिल को काश कोई जान लेता
आँखो में छुपे अश्को को भी काश जान लेता
कितना दर्द यारो हमें बिछुडने का अपनो से
मेरे दर्द भरे शब्दे से ही काश कोई जान लेता
(3)
किसने किसको दर्द दिया ना जान पाया मैं
कैसे टूटे स्वपन सुहाने ये ना जान पाया मैं
किसकी नजर लगी जो रूठ गये है वो हमसे
लौटेगा दिन सुहाना ये भी ना जान पाया मैं
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी
Comment
वाह आदरणीय दर्द पर बहुत सुंदर मुक्तकों की प्रस्तुति दी है आपने। हार्दिक बधाई सर।
आदरणीय सौरभ पांडे जी आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का फल है आपके मार्गदर्शन एवं विचारो को अपना कर हम जरूर आपके मानको पर खरा उतरेगें।
आपकी इस कोशिश से मन प्रसन्न है भाईजी. बहुत ही सार्थक प्रयास है यह. सतत प्रयत्नशील रहें
शुभ-शुभ
आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें आपके मार्गदर्शन में आप के मानको पर खरा उत सकू इसके लिये सदैव प्रत्यनशील
आदरणीय गीत जी उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
गहमरी जी
आपको निखरता देखकर ह्र्दय आनंदित है i निरंतर और बेहतर ---- और -----
सुंदर भाव आदरणीय अखंड जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें
आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
आदरणीया कल्पना रामानी जी उत्साहवर्धन एवं आपके मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है प्रणाम स्वीकार करें
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online