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सावन का मौसम आया है............

हाथों से पता चल जायेगा होठों से खबर लग जायेगी
आँखों से नज़र आ जायेगा ,
सावन का मौसम आया है ऄ

कुछ बातें ऐसी वैसी होंगी , होंगीं जिनकी कुछ वज़ह नहीं
कुछ फूल खिलेंगे ऐसे जिनकी , होगी बागों में जगह नहीं
ख़ुश्बू , सबको बतलायेगी
सावन का मौसम आया है

झूलों पे बैठे हम और तुम , धरती से नभ तक हो आयेंगे
मिलन के बरसेंगे घन घोर , विरह के ताप हवन हो जायेंगे
दुनिया सारी जल  जायेगी  
सावन का मौसम आया है

इतनी फूलों को खबर कहाँ , कलियों को इतना होश कहाँ
महकेगी जवानी जब तेरी , खुश्बू में चमन जायेगा नहाँ
हर बात तेरी बहकायेगी
सावन का मौसम आया है

ये बाली उम्र ये अल्हड़ पन , मैं कैसे छुपाऊँ मन की अगन
हाथों से छूटी , अब छूटी , यौवन की गीली है डोर सजन
अब डोर ये टूट ही जायेगी
सावन का मौसम आया है

अजय कुमार शर्मा
मौलिक और अप्रकाशित

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 22, 2014 at 9:02pm

सुन्दर भाव पर शिल्प अभी बहुत सुगढ़ता की दरकार रखता है..

आपके सतत प्रयास से यह भी साधता जाएगा 

इस शृंगारिक  सुकोमल भाव प्रस्तुति के लिए बधाई आ० अजय शर्मा जी 

Comment by बृजेश नीरज on January 20, 2014 at 12:09am

अच्छा प्रयास है! आपको हार्दिक बधाई!

कहन पर और काम करें!

Comment by ajay sharma on January 18, 2014 at 12:07am

saurabh sir .......kuch purana toota futa tha diary me ..vahi kuch hai .....apke asshish hetu dhanyavad 

Comment by annapurna bajpai on January 17, 2014 at 10:50pm

  सुंदर  रचना है बधाई आपको । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 17, 2014 at 5:35pm

आदरणीय अजय भाई , बहुत खूबसूरत गीत रचना हुई है , आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ॥

Comment by coontee mukerji on January 17, 2014 at 4:07pm

जब किसी को प्यार हो जाता है तो हर मौसम सावन ही सावन लगता है...........बहुत सुंदर रचना है.भाई साहब, फ़ीलहाल अभी ठंड के मारे बाग में पत्ता पत्ता बूटा बूटा सिहुड़े सिमटे हुए है.शुभेच्छाएँ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 17, 2014 at 2:21pm

बस ऐसे ही प्रयासरत रहें, भाई.

पहले की आपकी रचनाओं की अपेक्षा इस रचना का भाव-प्रस्तुतीकरण तनिक अलग सा लग रहा है.

शुभेच्छाएँ

Comment by Meena Pathak on January 17, 2014 at 1:39pm

आप की रचना पढ़ते पढ़ते ही छम छम बारिश होने लगी है .. पर सावन का महीना अभी दूर है :)

बहुत सुन्दर रचना ,, बधाई आप को | सादर

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