For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षितिज

 

दूर छोर पर

एकाकार होते 

सिन्दूरी आसमान

और हरी धरती

 

उस रेखा का कोई रंग नहीं

 

 

एक स्थिति

 

खाली बाल्टी

और उसमें

नल से

बूँद-बूँद टपकता पानी

 

मैं देख रहा हूँ

किंकर्तव्यविमूढ़

संघर्ष

 

तपते दिनों के बाद

सर्द हवाओं का मौसम

 

कब से बारिश नहीं हुई

बहुत से सपने सूख गए

 

-  बृजेश नीरज

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 763

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on February 8, 2014 at 12:32pm

आदरणीय राम भाई आपका हार्दिक आभार!

Comment by बृजेश नीरज on February 8, 2014 at 12:32pm

आदरणीया प्राची जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by ram shiromani pathak on February 8, 2014 at 12:30pm

एक से बढ़कर एक क्षणिकाए। …।बहुत बहुत बधाई आपकोआदरणीय भाई बृजेश जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 23, 2014 at 11:44am

आदरणीय बृजेश भाई जी 

सभी क्षणिकाएं बहुत पसंद आयीं... वैचारिक प्रस्तुतियों में आप कमाल करते हैं ...इन क्षणिकाओं के शिल्प में प्रभावोत्पादक अंतिम पंक्तियों नें मुग्ध कर दिया 

बहुत बहुत बधाई 

Comment by बृजेश नीरज on January 20, 2014 at 6:01pm

आदरणीय अरुण भाई आपका हार्दिक आभार!

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 20, 2014 at 2:13pm

आदरणीय बृजेश भाई जी एक एक क्षणिकाएं बेहद सुन्दर बन पड़ी हैं आदरणीय सौरभ सर एवं आदरणीया कुंती जी द्वारा इस रचना पर की गई चर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण है, रचना को गहराई से समझने और परखने के नए आयाम दिए हैं इस चर्चा ने. आप दोनों का हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश भाई जी को बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना हेतु.

Comment by बृजेश नीरज on January 19, 2014 at 8:32pm

आदरणीया माहेश्वरी जी, आपका हार्दिक आभार! 

Comment by Maheshwari Kaneri on January 19, 2014 at 2:09pm

 बहुत सुन्दर क्षणिकायें है !!आदरणीय बृजेश जी  हार्दिक आभार!

Comment by बृजेश नीरज on January 18, 2014 at 10:15pm

आदरणीया सावित्री जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by Savitri Rathore on January 18, 2014 at 8:06pm

बृजेश जी,उत्कृष्ट क्षणिकाएँ,बधाई हो !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरे जलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे मचाया हवाओं ने कुहराम ऐसा गिरा टूट कर हर…"
8 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"रदीफ़ क़ाफ़िया में तो ऐसा कोई बंधन नहीं है इसलिये आपका प्रश्न स्पष्ट नहीं है। "
9 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"नमस्कारक्या तरही मिसरे में लिंग अनुसार बदलाव करसकते हैंक्यूंकि उसे मैं अपने अनुसार प्रयोग…"
9 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"स्वागत है।"
10 hours ago
Tilak Raj Kapoor commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करेगी सुधा मित्र असर धीरे-धीरे -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"यह तरही के लिए है या पृथक से?"
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"स्वागतम"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )

११२१२     ११२१२       ११२१२     ११२१२  मुझे दूसरी का पता नहीं ***********************तुझे है पता तो…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाई , वाह ! बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है , दिली बधाई स्वीकार करें "
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय  निलेश भाई  हमेशा की तरह अच्छी ग़ज़ल हुई है,  हार्दिक  बधाई वीकार…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण  भाई , अच्छी ग़ज़ल कही , बड़ी कठिन रदीफ़ चुनी आपने , हार्दिक  बधाई आपको "
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करेगी सुधा मित्र असर धीरे-धीरे -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें मक्ता शायद अपनी बात नहीं कह पा रहा…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति हमेशा प्रेरणा दाई  होती है , ग़ज़ल के कुछ शेर आपको अच्छे…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service