For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा-----------बसन्त

आम्र वृक्ष की डाल पर, कोयल छेड़े तान।
कूक कूक कर कूकती, बन बसंत की शान।।1

वन उपवन हर बाग में, तितली रंग विधान।
चंचल मन उदगार है, प्रीति-रीति परिधान।।2

क्षितिज प्रेम की नींव है, कमल भवन, अलि जान।
दिन भर गुन गुन गान है, सांझ  ढले  रस  पान।।3

मन मन्दिर है प्रेम का,  जिसमें  रहते   संत।
विविध रंग अनुबंध में, खिल कर बनों बसंत।।4

पुरवार्इ मन रास है,  सकल  बहार  उजास।
किरनें जल से खेलती, मस्ती में मधुमास।।5

फूल-शूल के सम रहो, प्रेम  परक  व्यवहार।
कठिन समय में साथ रह, करें रक्ष उपकार।।6

धर्म ज्ञान संस्कार हो, समय शील  संज्ञान।
क्षेत्र रीति से प्रीत पर, पहन सरल परिधान।।7

के0पी0 सत्यम मौलिक व अप्रकाशित

Views: 502

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 4, 2014 at 12:44am

आम्र वृक्ष की डाल पर, कोयल छेड़े तान।
कूक कूक कर कूकती, बन बसंत की शान।।1....  
कूक-कूक कर कूकती .. का क्या मतलब ? कोयल कूकने के क्रम में कुछ और स्वर निकालती है क्या ? यदि हाँ, तो वह कूकना कत्तई नहीं कहलायेगा.

मन मन्दिर है प्रेम का,  जिसमें  रहते   संत।
विविध रंग अनुबंध में, खिल कर बनों बसंत।।4
तुकान्तता की दृष्टि से यह दोहा कमज़ोर है. संत दोनों पदों में है. लेकिन पहले पद में संत के पहले ते आया है तो दूसरे पद में ब आया है. देख लें.

धर्म ज्ञान संस्कार हो, समय शील  संज्ञान।
क्षेत्र रीति से प्रीत पर, पहन सरल परिधान।।7
क्षेत्र रीति से प्रीत पर... इसके क्या अर्थ हुए ? वैसे, जो प्रतीत हो रहा है, आप यह कहना चाहते हैं कि हर क्षेत्र की अपनी रीति होती है उसी के अनुसार परिधान पहनना चाहिए. किन्तु यह छंद में स्पष्ट नहीं हो रहा है.

बाकी के दोहों समुचित हैं.
शुभेच्छाएँ
 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on February 12, 2014 at 7:26pm

आ0 शिज्जू भार्इ आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।  सादर,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on February 11, 2014 at 7:27pm

आदरणीय केवलजी बहुत अच्छी दोहावली हुई है बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें
सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on February 11, 2014 at 6:35pm

आ0 राम शिरोमणि भार्इ जी  , अरून अनन्त भार्इ जी , नीरज भार्इ जी , भण्डारी भार्इ जी एवं आदरणीया कुन्ती मुखर्जी जी आप सभी का हार्दिक आभार। सादर,

Comment by Neeraj Neer on February 11, 2014 at 9:18am

बहुत सुन्दर दोहे 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 10, 2014 at 6:11pm

आदरणीय केवल भाई , सभी दोहे लाजवाब रचे हैं , बहुत बहुत बधाई ॥

Comment by coontee mukerji on February 10, 2014 at 3:54pm

केवल भाई आपके दोहे ने मन मुग्ध कर दिया बहुत  बहुत शुभकामनएँ

Comment by अरुन 'अनन्त' on February 10, 2014 at 1:21pm

आदरणीय केवल भाई जी सभी दोहे बहुत ही सुन्दर रचे हैं आपने आपको बहुत बहुत बधाई.

Comment by ram shiromani pathak on February 10, 2014 at 10:21am

बहुत ही सुन्दर दोहे रचे है आपने आदरणीय भाई  केवल जी  ....  बहुत बहुत बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service