For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो छत हो आसमां सारा यहाँ ऐसा मकाँ इक हो [गजल]

दिलों में रंजिशें ना हों यहाँ ऐसा जहाँ इक हो
जो छत हो आसमां सारा यहाँ ऐसा मकाँ इक हो /


नया हर जो सवेरा हो मिले सुख शांति हर घर में

मिटे ना वक्त के हाथों जो ऐसा आशियाँ इक हो /


बुराई लोभ भ्रष्टाचार धोखा दूर हो कोसों
हो केवल प्यार हर घर में बसेरा अब वहाँ इक हो /


मिले केवल सुकूं अब और हो मुस्कान होठों पर

घुली मिश्री हो बातों में यहाँ ऐसी जुबाँ इक हो /


निशानी अब हसीं यादों की लम्हा लम्हा मुस्काये

हों चर्चे कुल जहां अपने ही ऐसी दास्ताँ इक हो /

नहीं कुछ चाहिए मुझको दे दो विश्वास तुम इतना
गवाही माँगे जग सारा वहाँ तेरा बयाँ इक हो /

सनम खातिर जो मरते वो कहें खुद ही को बांका इक
मरे जो देश की खातिर वही बांका जवाँ इक हो /

................मौलिक व अप्रकाशित...............

Views: 616

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Saarthi Baidyanath on February 19, 2014 at 10:31am

मिटे ना वक्त के हाथों जो ऐसा आशियाँ इक हो .....कमाल का मिश्रा है जी ! लाजवाब !

नहीं कुछ चाहिए मुझको दे दो विश्वास तुम इतना 
गवाही माँगे जग सारा वहाँ तेरा बयाँ इक हो ......... ये हुई सबकी बात ...जिंदाबाद शायिरा साहिबा !..:)

Comment by Sarita Bhatia on February 19, 2014 at 9:25am

आदरणीय शिज्जू जी तह दिल से शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on February 19, 2014 at 9:25am

आदरणीय गुरुदेव अरुण जी आपकी प्रतिक्रिया से मन प्रफुल्लित हुआ ,स्नेह बनाये रखें 

Comment by Sarita Bhatia on February 19, 2014 at 9:24am

आदरणीय गिरिराज जी शुक्रिया उत्साहवर्धन करते रहें 

Comment by Sarita Bhatia on February 19, 2014 at 9:22am

आदरणीय श्याम नारायण जी हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on February 18, 2014 at 8:17pm

बढ़िया गज़ल आदरणीया सरिता जी बहुत बहुत बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on February 18, 2014 at 7:45pm

आदरणीया, इस उम्दा ग़ज़ल के लिए बधाइयाँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 18, 2014 at 5:59pm

आदरणीया सरिता जी , लाजवाब ग़ज़ल कही है ,  दिली बधाइयाँ स्वीकार करें ॥

नहीं कुछ चाहिए मुझको दे दो विश्वास तुम इतना
गवाही माँगे जग सारा वहाँ तेरा बयाँ इक हो  ------- ये शे र बहुत पसन्द आया , ढेरों दाद स्वीकारें ॥

Comment by Shyam Narain Verma on February 18, 2014 at 5:17pm
बहुत बढ़िया गजल बधाई आपको । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service