( 1 )
दो पुष्प खिले
हर्षित हृदय
लीं बलैयां
( 2 )
धीरे धीरे
बढ़ चले राह
पकड़ी बचपन डगर
( 3 )
मार्ग दुर्गम
वे थामे अंगुली
आशित जीवन
( 4 )
हुये बड़े
बीता बचपन
डाले गलबहियाँ
( 5 )
संस्कार भरे
करते मान सम्मान
न कभी अपमान
( 6 )
जीवन बदला
खुशियाँ आईं
सुखद क्षण
( 7 )
समय बदला
कुछ बिखरा
टूटने लगा
( 8 )
बढ़ी दरार
नहीं मान सम्मान
हुये मन भेद
( 9 )
खींची तलवारें
रिश्ते कट गए
सब समाप्त
( 10 )
गिरी दीवारें
ढह गया सब
किन्तु समर शेष !!
अप्रकाशित एवं मौलिक
Comment
आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेयी जी
ये प्रस्तुति आपने किस विधा में दी है , यदि आप स्पष्ट करें तो मैं कुछ कहूं ...?
सादर.
अति सुंदर प्रस्तुति , बधाई आदरणीया अन्नपूर्णा दीदी
सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया अन्नपूर्णा जी ,हार्दिक बधाई आपको //सादर
सुन्दर प्रयास के लिए बधाई
आपकी इस सुंदर प्रस्तुति पर सादर बधाई..... |
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