For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रंग में भीगी हवा/नवगीत/कल्पना रामानी

रंग में भीगी हवा,

चंचल चतुर इक नार सी,

गाने लगी है लोरियाँ।

 

ऋतु बसंती, पाश फैला कर खड़ी

फागुन प्रिया।

सकल जल-थल, नभचरों को खूब

सम्मोहित किया।

भंग में डूबी फिजा ने, खोल दीं मनुहार की,

भावों भरी बहु बोरियाँ।

 

मद भरे सागर में सारा जग,

लगा है डूबने।

भू पे उतरा गगन, हर ज़र्रा

लगा है झूमने।

बाँचने बैठे छबीले, गीत छंदों की चुटीली,

प्रेम रस की पोथियाँ।

 

दिख रहे कोयल, पपीहे, मोर सब

इक झुंड में।

फूल, भँवरे, तितलियाँ, लहरा रहे

रस कुंड में।

मादलों पर थाप मंगल, हो रहा धरती पे दंगल,

पाँव पायल बाँध लय पर,

पग जमातीं गोरियाँ।

वेब पर अप्रकाशित व मौलिक

मेरे नवगीत संग्रह "हौसलों के पंख "में संग्रहीत

  

Views: 658

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 26, 2014 at 6:36pm

मन झूम गया आदरणीया कल्पना जी. कहन की शैली भी जमी है.

हार्दिक बधाइयाँ.

Comment by कल्पना रामानी on March 25, 2014 at 10:28pm

आदरणीय ओमप्रकाश जी, वंदना जी, सावित्री जी, प्रोत्साहित करने के लिए आप सबका हृदय से धन्यवाद

Comment by Omprakash Kshatriya on March 11, 2014 at 8:43pm

कल्पना जी , आप ने बहुत सुन्दर नवगीत लिखा है . भाव अच्छे है . प्रस्तुतीकरण सराहनीय है .

Comment by Savitri Rathore on March 11, 2014 at 4:17pm

आ० कल्पना जी ,वसंत के मादक रंग में डूबी सुन्दर रचना! बधाई हो।

Comment by vandana on March 11, 2014 at 5:28am

वाह आदरणीया मन फागुन के रंगों से सराबोर हो रहा है 

Comment by कल्पना रामानी on March 10, 2014 at 11:04pm

सरिता जी, सराहना पूर्ण शब्दों के लिए आपका मन से धन्यवाद/सादर

Comment by कल्पना रामानी on March 10, 2014 at 11:03pm

आदरणीय लक्ष्मण जी, बहुत बहुत धन्यवाद आपका

Comment by कल्पना रामानी on March 10, 2014 at 11:02pm

आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी, आपकी प्रोत्साहित करती हुई टिप्पणी से मन को अपर हर्ष हुआ। आपका हार्दिक आभार

Comment by कल्पना रामानी on March 10, 2014 at 11:00pm

आदरणीय शिज्जु जी, प्रोत्साहित करती हुई टिप्पणी के लिए आपका हृदय से धन्यवाद

Comment by कल्पना रामानी on March 10, 2014 at 10:59pm

 आदरणीय जितेंद्र जी गीत पर सुंदर प्रतिक्रिया देने के लिए हार्दिक धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
36 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
3 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service