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दूर करे अभाव (कामरूप छंद) - लक्ष्मण लडीवाला

दूर करे अभाव (काम रूप छंद 9-7-10 पर यति)

निर्भय रहे सब, वोट देकर,  करे सही चुनाव |

सही चुनाव से,  देश में हो, दूर करे अभाव ||

अच्छे को चुने, करे न लोभ, हो तभी कुछ काम 

ऐसा क्यों चुने, चुनकर वही, वसूले सब दाम ||

 

जानती जनता, करे वादे, वह भी नहीं याद |

मांगती जनता, हाथ मलता, चुनावों के बाद ||

प्रीत हो जन की,रीत सब की,हो नहीं अपमान 

सुन्दर छवि देख, जात न रेख, देश का हो मान ||

 

जागरूक बने, कर्तव्य है, अधिकार भी जान  

चिन्ह चुनाव में, ठीक देखकर, हो सही मतदान |

कौन जान सके, किसको दिया, ये है गुप्त दान |

चूक करने पर,  दोषी भाव, दे सभी को ज्ञान ||

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 1, 2014 at 5:45pm

आपका हार्दिक आभार श्री सत्यनारायण सिंह जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 1, 2014 at 5:44pm

"कामरूप छंद की विधा के विषय में तो नहीं कह सकता, हाँ, आपकी रचना चुनावों के माहोल में बहुत अच्छा संदेश दे रही है। आपको हार्दिक बधाई।" अभी तो चुनावी माहौल में अगर सुन्दर सन्देश भी मिल रहा है, तो यह मेरा सौभाग्य है | आपका हार्दिक आभार श्री विजय निकोरे जी 

Comment by Satyanarayan Singh on May 1, 2014 at 11:54am

इस सन्देश परक रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय लडिवाला जी

Comment by vijay nikore on April 28, 2014 at 11:33am

कामरूप छंद की विधा के विषय में तो नहीं कह सकता, हाँ, आपकी रचना चुनावों के माहोल में बहुत अच्छा संदेश दे रही है। आपको हार्दिक बधाई।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 28, 2014 at 8:18am

आपका हार्दिक आभार श्री (डॉ) अशुतौश मिश्रा जी | इस प्रथम प्रयास पर शिल्प और लयात्मक टिपण्णी की विद्वजनों से 

आकांक्षा है | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 26, 2014 at 6:23pm

छंद आपको पसंद आया, मेरा उत्साहवर्धन हुआ है भाई श्री गिरिराज भंडारी जी, एवं श्री जितेन्द्र "गीत" जी | चुनावी माहौल

 को देखते हुए ही पोस्ट करना उचित समझा | 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 26, 2014 at 6:18pm

आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीया कुंती मुकर्जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 26, 2014 at 6:17pm

कामरूप छंद पर प्रथम प्रयास है जो छंद समारोह के लिए रचा गया था | आपका समर्थन मिला इसके लिए हार्दिक आभार

श्री अखिलेश कृष्ण श्रीवास्ताव जी 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 26, 2014 at 3:36pm

आदरणीय लक्षमण जी चुनावों के इस माहोल में इस रचना का और ही आनंद है ..मेरी तरफ से हार्दिक बधाई ,,सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 25, 2014 at 10:19pm

बहुत बढ़िया सन्देश देती हुई रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीय लक्ष्मण जी

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