For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आल्हा छंद - मसाला क्रिकेट(आईपीएल) अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव

क्रिकेट की मंडी भारत है, जहाँ हर क्रिकेटर बिक जाय।  

लग जाती है जिसकी बोली, खुश होकर “याहू” चिल्लाय।।

 

पशु जैसे नीलाम हो गये, धन के आगे सब मजबूर।  

क्रेता इन सब का मालिक है, और सभी बँधुवा मजदूर॥  

अच्छा है मौजूद नहीं थे, जहाँ हुए थे सब नीलाम। 

ठोक बजाकर देखे जाते, नस्ल कौन सी, क्या है दाम।।

 

इज्ज़त से बढ़कर पैसा है, जो देता ऐश्वर्य तमाम।

खुश दिखते हैं बिकने वाले, नहीं बिके तो, नींद हराम॥      

खेल अज़ब है “बीस-बीस” का, धन की बारिश होती जाय।

हार गये तो भी पैसा है, जीत गये तो और कमाय।।

 

शातिर करते सट्टेबाज़ी, गुप-चुप चलते अपनी चाल।।

मैच फिक्स जो करें खिलाड़ी, हो जाते हैं मालामाल॥

 

जो लोभी हैं, ज़्यादा चाहें, खेल भावना कोसों दूर।       

नीलामी के पट्टे बांधे, ये सब लगते हैं लंगूर।।

 

बीस-बीस के इस सर्कस में, जो बिक जाये उसको चांस।

हर चौके छक्के पर देखो, अर्ध नग्न गोरी का डांस।।

 

रोटी कपड़ा घर जो मांगे, खेल तमाशा उसे दिखांय।

भूखे नंगे लोग जहाँ हैं, यही देखकर मन बहलांय॥

 

###############################

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव, धमतरी

(मौलिक एवं अप्रकाशित)                                            

 

 

 

 

                                        

Views: 776

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 10, 2014 at 1:22pm

आदरणीय शिज्जु भाई

रचना आपको पसंद आई , हार्दिक धन्यवाद , आभार, 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 9, 2014 at 10:13pm

इंडियन पैसा लीग का आपने उचित वर्णन किया बहुत बहुत बधाई

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 9, 2014 at 6:32pm

छोटे भाई गिरिराज 

हार्दिक धन्यवाद , आभार।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 9, 2014 at 1:34pm

आदरणीय बड़े भाई , आई पी एल की बहुत बढ़िया खबर ली है आपने , अपनी रचना मे , आपको हार्दिक् बधाइयाँ ॥

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 8, 2014 at 12:21pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई

हार्दिक धन्यवाद , आभार।

क्रिकेट ने अन्य सभी खेलों को खोखला कर दिया है और युवा पीढ़ी को निकम्मा ।

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 8, 2014 at 12:11pm

आदरणीय प्रदीप भाईजी

रचना आपको पसंद आई , हार्दिक धन्यवाद , आभार, 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 8, 2014 at 8:06am

आई पी एल क्रिकेट के खोखलेपन ने जिस प्रकार एक दिवसीय और टेस्ट क्रिकेट का स्वाद फीका कर दिया है, आपकी रचना  के  चटपटे मसाले से आनंद  आ गया. हार्दिक बधाई आपको आदरणीय अखिलेश जी

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 7, 2014 at 10:41pm

आदरणीय श्री अखिलेश जी 

सादर 

वास्तविक चित्रण 

बधाई 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 6, 2014 at 2:59pm

आदरणीय अरुण भाईजी

पूरी रचना पर आपने सार्थक टिप्पणी की,  अपना अमूल्य समय दिया , प्रशंसा और सुझाव पर सुंदर छंद रचे, यह सब मेरे लिए उत्साहवर्धक है

ज्वलंत विषय पर मैंने आल्हा छंद के माध्यम से अच्छा लिखने का प्रयास किया है, फिर भी गेयता बाधित हो ही जाती है।

आईपीएल जैसे अछूते विषय पर मेरा प्रयास आपको पसंद आया इसके लिए हार्दिक धन्यवाद , आभार । ऐसा ही स्नेह बनाये रखिये।

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 6, 2014 at 2:39pm

आदरणीय केवल प्रसाद्जी

हार्दिक धन्यवाद , आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service