दायें बायें देख के, खुद को कर तैयार
राह सुरक्षित हो तभी, करना उसको पार ||
सड़क सुरक्षा के लिए, नियमों का कर ध्यान
राह बनेगी सरल तब और मिलेगा मान ||
ट्रैफिक सिग्नल के नियम, रखते हैं जो ध्यान
मंजिल मिलती है उन्हें, पथ होता आसान ||
तीन रंग का खेल है ,समझ न इसको खेल
पीला नीचे लाल के संग हरे का मेल ||
दिखे लाल बत्ती अगर, झट से रुकना यार
खतरे का हो सामना, किया अगर जो पार ||
पीली बत्ती देख के, हो जाना तैयार
फूंक फूंक के पग धरो ,जीवन के दिन चार ||
दिखे हरी बत्ती अगर, पार करो तब राह
जल्दी से देरी भली ,मेरी यही सलाह ||
जल्दी जल्दी क्यों करो, पथ जो करना पार
यह जीवन अनमोल है, यह जीवन उपहार ||
करके मदिरापान जो, अगर चलाई कार
कटता फिर चालान औ अपमानित बेकार ||
ट्रैफिक नियमों को अगर किया नहीं स्वीकार
जुर्माना हो साथ में जेल मिले तैयार ||
......................................................
...........मौलिक व अप्रकाशित................
Comment
रचना में आपके विचार सार्थक हैं। बधाई।
ग़ज़ब ! बहुमूल्य सुझाव और सही नसीहत !
इन उन्नत दोहो के लिए हार्दिक बधाई और अनेकानेक शुभकामनाएँ..
आदरणीया प्राचीजी का सुझाव क्यों उचित है, इसे समझियेगा.
सादर
वाह !! सुंदर दोहवली , आ0 सरिता भाटिया जी कितने सुंदर ढंग से आपने ट्रैफिक नियम समझाए है , बहुत बधाई आपको और आपकी लेखनी को नमन ।
आदरणीया सरिता जी , बहुत अलग विषय ( ट्रफिक नियमों ) को दोहों के लिये आपके चुना है , बहुत सुन्दर दोहों की रचना की है , आपको बधाइयाँ ।
शुक्रिया शिज्जू भाई दिल खुश हुआ
आदरणीय गोपाल जी हार्दिक आभार
शुक्रिया अरुण जी
आदरणीया प्राची जी आपकी विस्तृत टिप्पिनी पाकर दिल खुश हो गया
मुझे लगा मैं अपने सन्देश को आप तक पहुंचा पाई ,हार्दिक आभार
वाह आदरणीया सरिता जी कमाल कर दिया बेहतरीन दिलीदाद कुबूल फरमाएँ
सरिता जी
आपने दोहों के माध्यम से उपयोगी जानकारी दी i
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