For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1222    1222    1222    1222
********************************
भला हो या बुरा हो बस, शिकायत  फितरतों में है
वो ऐसा शक्स है  जिसकी बगावत  फितरतों में है
**
रहेगा साथ  जब तक वो  चलेगा  चाल उलटी ही
भले  ही  दोस्तों  में  वो, अदावत  फितरतों में है
**
उसे लेना  नहीं  कुछ  भी  बड़े   छोटे  के होने से
खड़ा हो  सामने जो भी, नसीहत  फितरतों में है
**
हुनर  सबको  नहीं  आता  हमेशा  याद  रखने का
भुलाए वो किसी को  क्या, मुहब्बत फितरतों में है
**
कड़ा रूख हुश्न अपनाए बताओ किस तरह बोलो
सुना  है  हमने  तो यारो नजाकत फितरतों में है
**
शरारत गर न करते  तो  कहाँ  वो बच्चे कहलाते  
बुढ़ापा  ये  नहीं   अच्छा  शरारत  फितरतों में है
**
चुभे जो सच वो कहने से जुबा चुप हो यही अच्छा
भले  अच्छा  तुम्हारी भी  सदाकत फितरतों में है     = सत्यता
**
कभी  वो  बाढ़  देता   है  कभी  देता  अकालें  वो
न जाने क्यों खुदा के  भी कयामत फितरतों में है
**
हरारत  वक्त  पर  आये  जरूरी  है, कहावत सच     =  क्रोध
‘मुसाफिर’ पर नहीं  अच्छा हरारत फितरतों में है
**
( रचना - 12 जनवरी 2014 )

**

रचना मौलिक और अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी ‘मुसाफिर ’

Views: 657

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 9, 2014 at 11:42am

आ0 प्राची बहन , उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार .

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 9, 2014 at 11:41am

आ0 भाई सौरभ जी , हार्दिक धन्यवाद.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 8, 2014 at 3:10pm

रहेगा साथ  जब तक वो  चलेगा  चाल उलटी ही
भले  ही  दोस्तों  में  वो, अदावत  फितरतों में है......बहुत सुन्दर 

हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति पर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 7, 2014 at 3:50am

अच्छा प्रयास !

दाद कुबूल करें.. .

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 30, 2014 at 11:21am

आ० भाई विजय प्रकाश जी , आपको ग़ज़ल अच्छी लगी यह मेरे लिए शुभ संकेत है  l आपका स्नेह मिला आभार l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 30, 2014 at 11:16am

आदरणीय भाई जवाहरलाल जी ग़ज़ल का अनुमोदन कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 30, 2014 at 11:15am

आ० भाई मुकेश जी उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 30, 2014 at 11:13am

आ० गीतिका जी प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 30, 2014 at 11:12am

आ० भाई गिरिराज जी , ग़ज़ल पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया पाकर महसूस हो रहा है की ग़ज़ल लेखन में निरंतर सुधार हो रहा है l स्नेह बनाये रखे l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 30, 2014 at 11:03am

आ० भाई सुरेंदर जी , ग़ज़ल की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद l

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service