१-
जहाँ अश्रु की बूँदें
रोने वालों के दुखों को,
दुखों की सान्ध्रता को
कम कर देती है
वहीं पर यही अश्रु बूँदें
रोने वालों से भावनाओं से जुड़े
उनके अपनों को
बेदम भी कर देती है
२-
संयत नहीं हो पाए अगर आप
अपने भाव के साथ
तो वही भाव,
कहे गये शब्दों के अर्थ बदल देता है
और वहीं
अगर आप सही नहीं समझ पाए शब्दों को
तो शब्द,
आपके चहरे से प्रकट
भावों के अर्थ बदल देता है
**************************
मौलिक एवँ अप्रकाशित
Comment
आदरणीय विजय भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका शुक्रिया |
sundar prastuti adarneey giriraaj ji...........saadar
अगर आप सही नहीं समझ पाए शब्दों को
तो शब्द,
आपके चहरे से प्रकट
भावों के अर्थ बदल देता है.........................सत्य कथन , बहुत सुंदर बधाई आप को
बहुत सुन्दर ...सादर
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