1222 1222
वतन की जान है हिंदी
उपार्जित मान है हिंदी
धरा जो गुनगुनाती है
मुक़द्दस गान है हिंदी
हिमालय फ़क्र करता है
अजल से शान है हिंदी
तेरे वर्के तगाफ़ुल पे
नया फ़रमान है हिंदी
इबादत पे सदाक़त पे
सदा कुर्बान है हिंदी
मेरा मजहब मेरी दौलत
मेरा ईमान है हिंदी
हमारी पाक़ संस्कृति में
बसा सम्मान है हिंदी
------------------
(मौलिक एवं अप्रकाशित )
Comment
बहुत- बहुत शुक्रिया मिथिलेश जी हिंदी के सम्मान में लिखी ये ग़ज़ल आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ
आदरणीया राजेशकुमारी जी हिन्दी महिमा बताती अच्छी ग़ज़ल, बधाई
आ० अखिलेश जी,आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सफल हुआ ,तहे दिल से आभारी हूँ |
आदरणीया राजेश कुमारी जी,
हिंदी की महिमा सुंदर शब्दों में गाई।
स्वीकार करें, हृदय से मेरी बधाई॥
आ० संतलाल करुण जी,बहुत- बहुत शुक्रिया मेरी ग़ज़ल को मान देने के लिए ,मेरा लिखना सफल हुआ |
आ० गुमनाम पिथोरा गढ़ी जी,तहे दिल से आभार आपका |
आदरणीया राजेश कुमारी जी,
हिन्दी के गौरव पर शानदार हिन्दी ग़ज़ल के लिए सहृदय साधुवाद एवं सद्भावनाएँ --
"इबादत पे सदाक़त पे
सदा कुर्बान है हिंदी
मेरा मजहब मेरी दौलत
मेरा ईमान है हिंदी"
हिन्दी की शान में उम्दा ग़ज़ल हुई है बधाई,,,,,,,,,,,,,,,,
आ० विजय निकोर जी ,ग़ज़ल को आपका अनुमोदन मिला तहे दिल से आभार आपका|
आ० खुर्शीद जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई दिल से शुक्रिया आपका मेरा लिखना सार्थक हुआ |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online