For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“माँ वो कोठी वाली मैडम हर दीवाली पर लक्ष्मी जी के पैर बनाती हैं तू क्यूँ नहीं बनाती? इसी लिए हमारे घर लक्ष्मी नहीं आती क्या?”रिक्कू ने बड़े भोलेपन से पूछा|

”बेटा, हमारे घर भी एक बार लक्ष्मी आई थी पर तेरे बापू ने दारु के लिए उसे बेच दिया अब वो कभी नहीं आएगी”|

.

(मौलिक एवं अप्रकाशित ) 

Views: 602

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 22, 2014 at 10:04pm
आ० लक्ष्मण जी,लघुकथा पर आपक अनुमोदन मेरे लिखे को सार्थक कर रहा है ,धन की लक्ष्मी की पूजा करते हैं किन्तु घर की लक्ष्मी की कोई चिंता नहीं बच्ची को पैदा होने से पहले ही मार देते हैं या बेच देते हैं ये दुर्दशा न जाने कब तक झेलेगी नारी|
हार्दिक आभार आपका सादर.
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 22, 2014 at 12:49pm

सुंदर सन्देश देती लघु कथा घर परिवार और नारियों की दुर्दशा के पीछे बहुत बड़ा कारण ये शराब का नशा ही है |

हार्दिक बधाई एवं दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं आदरणीया राजेश कुमारी जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 21, 2014 at 8:56pm

आ० डॉ. विजय शंकर जी,उत्साह वर्धन करती आपकी प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार. मेरा लिखना सफल हुआ दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 21, 2014 at 8:55pm

आ० श्याम नारायण वर्मा जी हार्दिक धन्यवाद दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 21, 2014 at 8:54pm

आलोक मित्तल जी हार्दिक आभार, दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 21, 2014 at 8:54pm

आ० विजय निकोर जी ,हार्दिक धन्यवाद| दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 21, 2014 at 8:53pm

जितेन्द्र भैया हार्दिक आभार लघु कथा के मर्म के अनुमोदन हेतु ,मेरा लिखना सार्थक हुआ ,दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें |

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 21, 2014 at 8:00pm

एक बहुत अच्छा सन्देश देती है यह लघु कथा , प्रस्तुति के लिए बधाइयां , आदरणीय राजेश कुमारी जी ,

Comment by Shyam Narain Verma on October 21, 2014 at 1:16pm

बहुत बढ़िया लघुकथा ,बधाई.................

सादर.......................

Comment by Alok Mittal on October 21, 2014 at 11:42am

एक अच्छी लघु कथा आपकी संदेश देती हुयी ...बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी //नदियों का भिन्न रंग, बहने का भिन्न ढंग, एक शांत एक तेज, दोनों में खो…"
13 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मैं प्रथम तू बाद में,वाद और विवाद में,क्या धरा कुछ  सोचिए,मीन मेख भाव में धार जल की शांत है,या…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रोक्त भाव सहित मनहरण घनाक्षरी छंद प्रिय की मनुहार थी, धरा ने श्रृंगार किया, उतरा मधुमास जो,…"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++ कुंभ उनको जाना है, पुन्य जिनको पाना है, लाखों पहुँचे प्रयाग,…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक , पोस्ट कुछ देर बाद  स्वतः  डिलीट क्यों हो रहा है |"
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . जीत - हार

दोहा सप्तक. . . जीत -हार माना जीवन को नहीं, अच्छी लगती हार । संग जीत के हार से, जीवन का शृंगार…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में आपका हार्दिक स्वागत है "
yesterday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service