२१२२...२१२२...२१२.
फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन ..
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आजकल हँसता हंसाता कौन है
गम छुपा के मुस्कराता कौन है !!
हम ज़माने पे यकीं कैसे करें,
आज कल सच-सच बताता कौन है.!!
उलझनों में भी हैं कुछ नादानियाँ,
याद बचपन की भुलाता कौन है !!
जब मिलूँगा तो शिकायत भी करू
इसलिए मुझको बुलाता कौन है!!
दो घडी की बात है ये ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी भर को निभाता कौन है.!!
हार है या जीत है इस खेल में,
छोड़ कर मैदान जाता कौन है !!
(मौलिक एवं अप्रकाशित )
** आलोक **
मथुरा
Comment
आद. ajay sharma जी....बहुत बहुत शुक्रिया आपका
आद. योगराज प्रभाकर भाई जी....हौसला बढाने का आपका दिल से आभार
आद. Shyam Narain Verma जी.....हौसला बढाने का बहुत बहुत शुक्रिया
आद. Hari Prakash Dubeyजी.....बहुत बहुत शुक्रिया आपका
आद. ram shiromani pathak जी...आपका बहुत बहुत शुक्रिया
आद. Chhaya Shuklaजी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
आद maharshi tripathi जी....आपका बहुत बहुत आभार मेरा हौसला बढ़ाने के लिए ..
आद. डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी....आपका बहुत बहुत आभार सर जी
आद. Meena Pathak जी....हौसला बढाने के लिए आपका बहुत बहुत आभार
wah wah gazal
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