Added by Alok Mittal on January 30, 2016 at 12:39pm — 7 Comments
2122 1212 22
रोज किसके यहाँ तू* जाता है,
राज अब कौन सा छुपाता है !!
है इमां साथ में अगर तेरे,
साथ वो दूर तक निभाता है !!
जब रहे साथ साथ हम दोनों
प्यार का गीत तब ही* भाता है !!
देखता हूँ अजीब से सपने,
नीद को कौन आ चुराता है !!
आज बनना सभी को* है टाटा,
ख्व़ाब बुनना तो सबको* आता है !!
शोक इतने नहीं किया करते,
बस यही जिंदगी का* नाता है…
ContinueAdded by Alok Mittal on March 14, 2015 at 4:00pm — 11 Comments
२१२२ २१२२
घिर गया है मर्द यारा !
कौन है हमदर्द यारा !!
लोग आते बात करते !
दे गये सरदर्द यारा !!
आज गुस्से में है बीवी !
दे दिया है दर्द यारा !!
यार अब तो बात करना !
मत दिखाना फर्द यारा !! (फर्द -सूची )
वो परेशां है बहुत अब !
उसको देना कर्द यारा !!
मत खड़े हो सब यहाँ पर !
लो गिरी है गर्द यारा !!
लो रजाई साथ में भी !
रात होती सर्द यारा…
ContinueAdded by Alok Mittal on January 17, 2015 at 2:00pm — 7 Comments
2 1 2 2 -2 1 2 2
प्यार दिल का योग है जी !
ये भी* तो इक रोग है जी !!
आज जिसको प्यार कहते !
जिस्म का बस भोग है जी !!
जुर्म माना इश्क को कब !
ये सदा इक जोग है जी !!
कुंडली* को तुम देख लेना !
उसमे* भी धनयोग है जी !!
साथ सच्चा मिल गया हो !
तो बड़ा संयोग है जी !!
दर्द सबका ले लिया तो !
ये सही उपयोग है जी !!
जान का जब साथ हो तो !
तो यही संजोग है जी !!
काम में गर साथ दे हम…
Added by Alok Mittal on January 4, 2015 at 8:00pm — 13 Comments
आज हम भी मकान रखते है
साथ अपना जहान रखते है !!
प्यार से देख लो जरा तुम भी
आईने भी ज़बान रखते हैं !!
जिंदगी में कमी नहीं कोई
इसलिए कुछ गुमान रखते है !!
तुम हमें छोड़ कर नहीं जाना |
तुम में* हम अपनी*जान रखते हैं ||
साथ उनके रहे सभी अपने,
खास सबका भी* मान रखते है !!
फूल कितने खिलाय आँगन में
वो बहुत घर का* ध्यान रखते है !!
है सभी काम का पता उनको !
वो तजुर्बा तमाम रखते है !!
(अप्रकाशित और मौलिक…
Added by Alok Mittal on December 27, 2014 at 5:44pm — 17 Comments
जिंदगी में क्या कमी है !
हर ख़ुशी मेरी ख़ुशी है !!
है नहीं कोई हुनर तो !
जिंदगी किसकी सगी है !!
इल्म कोई है अगर तो !
नौकरी फिर आपकी है !!
आजकल फन का जमाना !
फेन बिना क्या आदमी है !!
हर कला को जानता वो !
इसलिए तो मतलबी है !!
तैरना तुम जानते हो !
साथ चल आगे नदी है !!
चाहिए क्या और मुझको !
जब खुदा में बंदगी है !!
है नहीं अभिमान मुझको !
जिंदगी में सादगी…
Added by Alok Mittal on December 13, 2014 at 1:00pm — 12 Comments
२२ २२ २२ २२
फेलुन - फेलुन - फेलुन - फेलुन
तनहा तनहा ही रहना है !
दर्द सभी अपने सहना है !!
रहता वो अपने मैं गुमसुम !
शांत नदी जैसे बहना है !!
उसको साथ मिला अपनों का !
अब उसको क्या कुछ कहना है
वो है नेता का साला तो !
क्या अब उसको भी सहना है !!
घर से जाते तुमने देखा !
कहिये उसने क्या पहना है !!
लड़का उसका बिगड़ा है तो !
घर फिर तो इसका ढहना है !!
"मौलिक और अप्रकाशित…
ContinueAdded by Alok Mittal on November 28, 2014 at 4:30pm — 13 Comments
२१२२...२१२२...२१२.
फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन ..
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आजकल हँसता हंसाता कौन है
गम छुपा के मुस्कराता कौन है !!
हम ज़माने पे यकीं कैसे करें,
आज कल सच-सच बताता कौन है.!!
उलझनों में भी हैं कुछ नादानियाँ,
याद बचपन की भुलाता कौन है !!
जब मिलूँगा तो शिकायत भी करू
इसलिए मुझको बुलाता कौन है!!
दो घडी की बात है ये ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी भर को निभाता कौन…
ContinueAdded by Alok Mittal on November 25, 2014 at 8:13am — 27 Comments
करें कैसे भरोसा जिन्दगी का !
नहीं है आदमी जब आदमी का !!
नहीं फिर लूट पाता वो हमें भी !
वहाँ पर साथ होता गर किसी का !!
करे वो प्यार भी तो पागलो सा !
मगर ये खेल लगता दिल्लगी का
नहीं करता अगर हम को इशारे !
न होता सामना नाराजगी का !!
इबादत से डरे क्यों हम खुदा की !
मिले है रास्ता जब बंदगी का !!
अगर अपना समझ कर साथ में हो
भरोसा तो करो फिर दोस्ती का !!
.
मौलिक व अप्रकाशित
Added by Alok Mittal on November 8, 2014 at 2:30pm — 14 Comments
सोनू जब सुबह सो के उठा तो माँ को घर में देखे के बोला - "अरे माँ आज ऑफिस नहीं गये आप ??"
माँ ने मुस्करा के "नहीं बेटा आज ऑफिस की सरकारी छुट्टी है .."
"छुट्टी कैसी माँ ?? कल ही तो आप सांता बाई को काम पर न आने के लिए डांट रही थी कि रोज रोज छुट्टी नहीं मिलती है ...
आपको छुट्टी मिल सकती है तो सांता बाई को क्यों नहीं माँ ?"
"फिर सरकार कितनी छुट्टी करती है माँ. "
जवाब तो माँ के पास था नहीं , बस डांट थी सोनू के लिए ....
(मौलिक व अप्रकाशित )…
Added by Alok Mittal on November 3, 2014 at 1:30pm — 13 Comments
कौन आया है अजनबी देखो !
खुशनुमाँ आज जिन्दगी देखो II
ध्यान देना ज़रा नजर भरके !
बैठ कर खूब सादगी देखो II
देख लो ठोक औ बजा करके I
ठीक सा कोइ आदमी देखो II
प्यार का अब हुआ असर ऐसा !
आप इसकी नई कमी देखो !!
हर तरफ चल रही सफाई है !
पर फिजाओं में गंदगी देखो !!
देखिये बँट रही मिठाई है !
कौन है फिर यहाँ दुखी देखो !!
जीत ली प्यार से मुहब्बत भी !
आज आलोक की ख़ुशी देखो…
Added by Alok Mittal on November 1, 2014 at 4:00pm — 14 Comments
क्योकि में इक नदी हूँ
मेरा कोई दोष नहीं
फिर भी मैं दोषी हूँ
करते तुम सब लोग हो
भरती मैं हूँ ..
क्योकि में इक नदी हूँ
मुझमे भी जीवन है
मेरा भी अस्तित्व है
मेरी एक पहचान है
जो लोग करते पूजा हैं
वही गंदगी भी देते हैं
चुपचाप सब सहती हूँ
क्या करूँ मैं इक नदी हूँ ...
जागो अब भी जागो
विलुप्त हो जाऊ उस से
पहले मुझे बचा लो
नहीं तो रह जाओगे प्यासे
जैसे बीन पानी मछली तरसे ,
जाने कितने दोहन हुए…
Added by Alok Mittal on October 29, 2014 at 6:00pm — 10 Comments
"यार एक कप चाय मिल जाती तो मजा आ जाता I"
पतिदेव का हुक्म सुन घर की साफ़ सफाई करके थकी हारी पत्नी रसोईघर की तरफ मुड़ गयी.
साहब सोफे पर बैठ कर टीवी ऑन कर मजे से चैनल बदलते हुए कह रहे थे:
"आज तो यार बहुत थक गए, दीपावली पर बाज़ार जाना, उफ्फ्फ्फ़ ...."
पति की हां में हां मिलाते हुए पत्नी चाय देकर वापिस मुड़ गई और अपने काम में लग गयी !
"मौलिक व अप्रकाशित"…
ContinueAdded by Alok Mittal on October 25, 2014 at 11:30pm — 17 Comments
ये दिये क्या भाव हैं अम्मा ?" गाडी में बैठी सभ्रांत महिला ने दीपक बेचने वाली बुढ़िया से पूछा I
"50 रुपये के 100 हैं बिटिया I" बुढ़िया ने उत्तर दिया I
"हे भगवान् ! इतने महेंगे ? अम्मा तुम तो लूट रही हो I"
"एक बात का जवाब दो बेटी, ये महंगाई क्या सिर्फ अमीरों के लिए ही है, हम गरीबों के लिए नहीं ?"
मौलिक एवं अप्रकाशित
आलोक मित्तल
मथुरा
Added by Alok Mittal on October 22, 2014 at 12:00pm — 9 Comments
वाहनों से भरी सडक पर एक बाबा पैदल चले जा रहा था .. उसके चेहरे से साफ पता चल रहा था की वो थक गया है और सहायता चाहता है , थके होने की वजह से वो बार बार मुड के पीछे देख रहा था !
आगे का रास्ता किसी वाहन पर करने की उम्मीद लिए जिसको भी हाथ देता वो उसको अनदेखा कर आगे निकल जाता ..मायूसी चेहरे पर थी पर बिना रुके चल भी रहा था ...
इस आपा धापी की जिंदगी में सबको जल्दी है पर कुछ दूर अगर छोड़ा जाता तो कुछ जाता नहीं उल्टा हमें जो आशीर्वाद मिलता वो जरूर फलता....जो शायद मेरे भाग्य में…
ContinueAdded by Alok Mittal on October 14, 2014 at 6:00pm — 7 Comments
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