"देखिये श्रीमान आपका बेटा फिर से हर विषय में फेल हो गया है, किसी में 5, किसी में 6, किसी में 7 नंबर, इसीलिए आपको बुलाना पड़ा I लीजिये आप खुद ही इसकी सारी कॉपी देख लीजिये I" "
"अरे गुरूजी ये लीजिये, अब लिफाफा पकड भी लीजिये, आपका ही बच्चा है ,बस एक-एक शून्य लगा दीजिये I"
.
© हरि प्रकाश दुबे
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आदरणीया अर्चना तिवारी जी आपका हार्दिक धन्यवाद ! सादर
आदरणीय हरिप्रकाश जी, लघुकथा किसी कहानी का अंश नहीं हुआ करती, इस प्रस्तुति में कथा क्या है ? अनुरोध है कि टिप्पणी को सकरात्मक रूप से लीजियेगा, मेरा उद्देश्य कतई हतोत्साहित करना नहीं है किन्तु मैं गुब्बारे में गर्म हवा भी भरना नहीं चाहता. सादर .
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