For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वेंटिलेटर (लघुकथा)

“सुनिए , जरा प्याज काट दीजिये । ”

“देख नहीं रही हो , अभी-अभी थक हार के घर लौटा हूँ ।”

अरे….मैं भी तो आज 5 बजे दफ्तर से आयीं हूँ ।

“हाँ तो कौन सा पहाड़ खोद कर आई हो ।”

“तो तुम ही कौन सा लोहा पिघला रहे थे ?”

“इतना सुनते ही पति ने चप्पल उठा के पत्नी के मुहँ पर दे मारी, पत्नी तमतमा कर आई और पास ही पड़ा जूता उठा कर पति के मुहँ पर जड़ दिया ।”

इधर खबर आ रही थी.. “अभी –अभी , वेंटिलेटर पर पड़ी भारतीय संस्कृति ने दम तोड़ दिया ।”  

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित”  

Views: 1088

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on February 5, 2015 at 4:55pm

आदरणीय अनूराग गोयल जी ,आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on February 3, 2015 at 9:24pm

आदरणीय खुर्शीद जी बहुत बहुत आभार आपका ! सादर  

Comment by Anurag Goel on February 3, 2015 at 7:03pm

ये प्रहार है हमारी दम तोड़ती भारतीय सभ्यता पर , जहाँ आधुनिकीकरण के नाम पर महिलाओं को पुरुषों के खिलाफ भड़काया जाता है और पुरुषों को महिलाओं की बेइज़्ज़ती करने में मर्दानगी नज़र आती है. सुन्दर प्रस्तुति 

Comment by khursheed khairadi on February 3, 2015 at 9:26am

आदरणीय हरी प्रकाश सर ,वाकई भारतीय संस्कृति वेंटिलेटर पर अंतिम सांसे गिन रही है |सटीक व्यंग्य |सादर अभिनन्दन |

Comment by Hari Prakash Dubey on January 30, 2015 at 7:57pm

जी सर .. पुनः प्रयास करता हूँ ! सादर  


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 30, 2015 at 7:55pm

//आपके सुझाव के अनुसार शीर्षक परिवर्तन कर रचना पुनः प्रस्तुत है कृपया एक बार पुनः दृष्टी डाल दीजियेगा//

पहले शीर्षक था ...दम तोड़ दिया.

अब ....

भारतीय संस्कृति ने दम तोड़ दिया.

कुछ कहते नहीं बन रहा भाई जी, शीर्षक लघुकथा का है या टीवी पर चल रहे ब्रेकिंग न्यूज़ ....

Comment by Hari Prakash Dubey on January 30, 2015 at 7:54pm

आदरणीय मिथिलेश जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! आपकी सलाह पर फॉण्ट साइज़ बदल दिया और आदरणीय योगराज सर की कृपा  भी हो गयी ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 30, 2015 at 7:51pm

सोमेश भाई आपका ह्रदय से आभार ! 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 30, 2015 at 7:47pm

आदरणीय Er. Ganesh Jee "Bagi सर, रचना पर आपकी उपस्तिथि ही उत्साहवर्धक है, आपके सुझाव के अनुसार शीर्षक परिवर्तन कर रचना पुनः प्रस्तुत है कृपया एक बार पुनः दृष्टी डाल दीजियेगा, हार्दिक आभार! सादर

Comment by Hari Prakash Dubey on January 30, 2015 at 7:29pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव सर , सादर धन्यवाद ! 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service