For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

किसी का कभी गम लिया होता..(ग़ज़ल 'राज')

122  122   122  2

कभी जिन्दगी को जिया होता

ख़ुदा का अदा शुक्रिया होता

 

मुकम्मल नई इक ग़ज़ल होती

अगर अश्क़ हँस के पिया होता

 

फ़लक चूमता ये कदम तेरे

कोई काम ऐसा किया होता

 

बिखरती न गिरती दुआ रब की

अगर चाकदामन सिया  होता

 

कई रास्ते  खुल गए होते

किसी का कभी गम लिया होता

 

कहाँ काटता यूँ अकेलापन

किसी को सहारा दिया होता

 

है क्या जीस्त खानाबदोशों की

ठिकाना न जिनका ठिया होता 

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 750

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 8, 2015 at 12:46pm

आ० हरि प्रकाश जी,आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ ,इस उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल से आभारी हूँ.  

Comment by Hari Prakash Dubey on February 7, 2015 at 10:09pm

आदरणीया राजेश  कुमारी जी सुन्दर रचना हार्दिक बधाई ये पंक्तियाँ विशेष प्रभावित कर रही हैं ..

.// है क्या जीस्त खानाबदोशों की

ठिकाना न जिनका ठिया होता//... ! सादर  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 7, 2015 at 8:49pm

आ० खुर्शीद जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सफल हुआ इस होंसलाफ्जाई का तहे दिल से शुक्रिया .

Comment by khursheed khairadi on February 7, 2015 at 11:15am

फ़लक चूमता ये कदम तेरे

कोई काम ऐसा किया होता

 

बिखरती न गिरती दुआ रब की

अगर चाकदामन सिया  होता

 आदरणीया राजेश कुमारी जी ,उम्दा ग़ज़ल हुई है |सादर अभिनन्दन |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 6, 2015 at 8:36pm

जितेन्द्र भैया ,आपको ग़ज़ल पसंद आई ,तहे दिल से शुक्रिया. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 6, 2015 at 8:36pm

सोमेश भैया,इस होंसलाफ्जाई का तहे दिल से शुक्रिया.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 6, 2015 at 8:35pm

आ० श्याम नारायण वर्मा जी ,तहे दिल से शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 6, 2015 at 8:34pm

मिथिलेश वामनकर जी,ग़ज़ल आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ हार्दिक आभार 

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 6, 2015 at 8:33pm

सर्वेश कुमार जी बहुत- बहुत शुक्रिया. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 6, 2015 at 8:32pm

आ० डॉ० विजय शंकर जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ बहुत बहुत शुक्रिया.  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
4 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
7 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service